Farmers Protest: सरकार का कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल तक स्थगित करने का प्रस्ताव, क्या किसान मानेंगे?
कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के साथ दसवें दौर की बातचीत की शुरुआत में कृषि मंत्री ने फिर से कृषि कानूनों का बचाव करते हुए साफ किया कि सरकार इन्हें वापस नहीं लेगी.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के सामने नया प्रस्ताव रखा है. सरकार ने कहा है कि वह कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल तक स्थगित करने के लिए तैयार है. इस दौरान सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एक कमिटी इन कानूनों पर विस्तार से चर्चा कर समाधान का रास्ता निकालेगी. सरकार के प्रस्ताव पर किसान संगठनों ने कहा कि वे गुरुवार को आपस में चर्चा कर अपने फैसले की जानकारी अगली बैठक में सरकार को देंगे. अगली बैठक शुक्रवार को दोपहर 12 बजे होगी.
कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के साथ दसवें दौर की बातचीत की शुरुआत में कृषि मंत्री ने फिर से कृषि कानूनों का बचाव करते हुए साफ किया कि सरकार इन्हें वापस नहीं लेगी. दूसरी तरफ किसानों ने भी कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग दोहराई. लंच ब्रेक के बाद गतिरोध खत्म न होता देख मंत्री ने छोटी कमिटी बनाने और समाधान निकलने तक एक-डेढ़ साल के लिए कानूनों को स्थगित करने का प्रस्ताव दिया.
दिया प्रस्ताव
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, 'हम लोगों ने ये प्रस्ताव दिया कि आपके मन में जो शंकाएं हैं उसे दूर करने के लिए सरकार खुले मन से विचार करेगी लेकिन उसके लिए समय चाहिए और ये समय छह महीने, एक साल और डेढ़ साल भी हो सकता है. सरकार एक-डेढ़ साल के लिए भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने पर सहमत है.' उन्होंने उम्मीद जताई कि अगली बैठक में सहमति बन जाएगी और किसानों का आंदोलन खत्म होगा.'
कानून रद्द करने की मांग पर कायम
बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि हम कानूनों को रद्द करने की मांग पर कायम हैं लेकिन सरकार के प्रस्ताव पर अगले दिन संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में चर्चा करेंगे. किसान नेताओं ने यह भी कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की तैयारी जारी रहेगी. बता दें कि दिल्ली में ट्रैक्टर परेड को लेकर दो दिन से लगातार किसान नेताओं के साथ पुलिस के अधिकारी बैठक कर रहे हैं. गुरुवार को फिर से बैठक होगी. किसान संगठन गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकालने का एलान कर चुके हैं.
ये मुद्दे भी उठाए
वहीं सरकार के साथ बैठक में किसान नेताओं ने आंदोलन से जुड़े लोगों को एनआईए के जरिए नोटिस दिए जाने और शिमला में कुछ किसान नेताओं की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया. जिस पर मंत्री ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. हमेशा की तरह बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इसी विभाग के राज्य मंत्री सोमप्रकाश भी मौजूद रहे.
सुप्रीम कोर्ट 12 जनवरी को ही कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा चुका है. सरकार के ताजा प्रस्ताव से साफ है वह पूरी तरह किसान आंदोलन के दबाव में है. हालांकि देखना होगा कि क्या किसान संगठन मोदी सरकार का ताजा प्रस्ताव मान कर आंदोलन खत्म करते हैं या कानून रद्द करने की मांग पर अड़े रहते हैं.
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