जम्मू: नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में चल रहे आंदोलन के समर्थन में शनिवार को जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता भी कूद पड़े. कांग्रेस ने कहा कि नए कृषि का कानून एक काला कानून है जिसे जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए.


जम्मू में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने नए कृषि कानून के खिलाफ बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि यह नए कृषि कानून एक काला कानून है और इसकी चपेट में आम किसान आ रहा है.


कांग्रेस जिला प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि जो भी किसानों के समर्थन में आ रहा है वह आतंकवादी है जो एक निराधार आरोप है. उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया पर लोग किसानों के समर्थन में जमकर सामने आ रहे हैं और यह दर्शाता है कि प्रदेश की आम जनता किस तरह इनकार काले कानूनों के खिलाफ खड़े हो रहे हैं. इस काले कानून के खिलाफ लोगों का गुस्सा कितना है इसका अंदाजा बीजेपी को आने वाले जिला विकास परिषद के चुनाव के नतीजों में हो जाएगा.


प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमा पर अब भी जमे
तेज ठंड के बीच केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान आज लगातार दसवें दिन भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं. वहीं, इन कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ किसानों के प्रतिनिधि पांचवे दौर की वार्ता के लिए सरकार से मिलने वाले हैं.


उत्तर प्रदेश और हरियाणा से दिल्ली को जोड़ने वाले रास्तों को पहले ही बाधित कर चुके आंदोलनकारी किसानों ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगर सरकार उनकी मांगें स्वीकार नहीं करती है तो वे दूसरी सड़कों को भी बाधित करेंगे. उन्होंने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान भी किया है.


ये भी पढ़ें-
'एशियन ऑफ द ईयर' सम्मान के लिए चुने गए 6 लोगों में सीरम इंस्टीट्यूट के पूनावाला भी शामिल


1 जनवरी से कॉन्टैक्टलेस कार्ड के जरिए 5000 रुपये तक का भुगतान कर सकेंगे, जानें क्या-क्या बदल जाएगा