नई दिल्लीः कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल शुरू हुए आंदोलन को आज यानि 26 मई को छह महीने पूरे हो गए हैं. इस मौके पर किसान संगठनों ने 'काला दिवस' मनाने की घोषणा की है. किसान संगठनों ने अपील की है कि कृषि कानूनों के विरोध में लोग आज अपने घरों, वाहनों, दुकानों पर काला झंडा लगाएं. किसान मोर्चा की ओर से किए गए इस आह्वान को कांग्रेस समेत 14 प्रमुख विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया है. 


किसानों को मिला आप का साथ


किसानों को समर्थन देते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि केंद्र तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त कर दे. पार्टी ने कहा कि बीजेपी नीत सरकार जबरन यह कानून किसानों पर थोप रही है. 


पिछले साल नंवबर से डाले हुए हैं डेरा


किसान पिछले साल नंवबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं और तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. चालीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वार्ता की बहाली की अपील की थी.


दिल्ली पुलिस की कड़ी निगरानी


किसान यूनियनों की ओर से ‘काला दिवस’ मनाये जाने की घोषणा के बीच दिल्ली पुलिस ने लोगों से कोरोना की स्थिति और लॉकडाउन के कारण सभाएं न करने की अपील की है. पुलिस ने बताया कि सीमाओं पर आंदोलन स्थलों पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है.


'कानून हाथ में न लें'


दिल्ली पुलिस की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति कानून अपने हाथों में लेने का प्रयास करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि सिंघू, टीकरी और गाजीपुर समेत सभी सीमाओं पर जवान पहले से ही मौजूद हैं, किसी भी गैर कानूनी गतिविधि या प्रवेश की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी.


संयुक्त किसान मोर्चा की घोषणा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने लोगों से कोविड दिशानिर्देशों का पालन करने और अपने घरों से बाहर नहीं निकलने का आग्रह किया है.


कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में 513 डॉक्टर हुए शिकार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने जारी किए आंकड़ें