केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों को कई संगठनों का समर्थन मिल रहा है. अब इस कड़ी में वाम दलों ने किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए राष्ट्रव्यापी बंद को शनिवार को समर्थन करने की घोषणा की. वाम दलों की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गयी है.

किसान संगठनों के प्रति एकजुटता की बात की

 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), रिव्ल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने संयुक्त वक्तव्य में यह घोषणा की है. वक्तव्य में कहा गया है कि, ‘‘वाम दल नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हैं और इन प्रदर्शनों का समर्थन करते हैं. वाम दल उनके द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ का भी समर्थन करते हैं.’’

8 दिसंबर को भारत बंद को समर्थन और सहयोग की अपील की

बयान में कहा गया, ‘‘वाम दल भारतीय कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हमारे अन्नदाताओं के खिलाफ आरएसएस/बीजेपी के द्वेषपूर्ण प्रचार और बेतुके आरोपों की निंदा करते हैं.’’ वाम दलों ने बयान में कहा कि वे किसानों द्वारा तीन कृषि कानूनों और बिजली (संशोधन) विधेयक-2020 को वापस लेने की मांग का भी समर्थन करते हैं. बयान में कहा गया, ‘‘वाम दल इन कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांगों के साथ खड़े सभी राजनीतिक दलों और ताकतों से अपील करते हैं कि वे आठ दिसंबर के भारत बंद का समर्थन करें और सहयोग करें.’’

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