फरीदाबाद-सहारनपुर आतंकी मॉड्यूल की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों के सामने व्हाइट कॉलर टेरर को लेकर अब कई सारे राज खुले हैं. सूत्रों के मुताबिक अल फलाह यूनिवर्सिटी के टावर 17 के कमरा नंबर 4 में जहां डॉक्टर उमर रहता था वहां वो अपने पास मौजूद विस्फोटक की क्षमता बढ़ाने के लिए केमिकल से एक्सपेरिमेंट करता था.
सूत्रों के मुताबिक अल फलाह यूनिवर्सिटी के एक गार्ड ने भी जांच एजेंसियों के सामने अपने बयान दर्ज करवाए हैं कि आतंकी डॉक्टर उमर के कमरे में पिछले 8 महीने से लगभग हर रोज़ काले रंग का धुआं निकलता निकलता था और केमिकल की बदबू भी आती थी.
कमरे से काला धुआं उठने को लेकर गार्ड ने क्या बताया इस गार्ड का नाम और पहचान सुरक्षा की दृष्टि से हम सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक गार्ड ने एजेंसियों के सामने यह भी बताया है कि उसने कमरे से धुआं आने पर जब डॉक्टर उमर से पूछा तो उमर ने जवाब दिया कि वो कमरे में सब्ज़ी बना रहा था. ऐसे में गार्ड ने इस बात की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम को नज़रअंदाज़ कर दिया.
उमर के कमरे की तलाशी के दौरान मिले केमिकल जानकारी के मुताबिक डॉक्टर उमर ने जो TATP नाम का एक विस्फोटक खरीदा था, उसकी क्षमता बढ़ाने के लिए उमर अपने कमरे में ही एक्सपेरिमेंट करता रहता था. साथ ही आतंकी उमर के फ़ोन में जो विस्फोटक बनाने की वीडियो मिली थी, उसमें जिन केमिकल का इस्तेमाल करके विस्फोटक की क्षमता बढ़ाने की जानकारी हैंडलर उमर को देते थे वो केमिकल उमर के कमरे की तलाशी के दौरान भी बरामद हुए थे. ऐसे में गार्ड के जांच एजेंसियों के सामने बयान दर्ज करवाने के बाद आतंकी डॉक्टर उमर के दहशत वाले प्लान की पहली गवाही भी सामने आई है.
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