Purvanchal Expressway: भारत में कई एक्सप्रेस वे (Expressway) बनाए गए हैं. ये एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए लोगों को सुगम और तेज यातायात मुहैया करवाने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं. देश के इन्हीं एक्सप्रेस-वे के बारे में हम बात करेंगे, जिनकी वजह से देश में परिवहन की तस्वीर बदल गई और देशवासियों का सफर आसान हो गया. तो आज यहां पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बारे में जानिए. 


क्या होते हैं एक्सप्रेस वे


देश के एक्सप्रेस वे (Expressway) के बारे में बात करने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि आखिर ये होते क्या हैं? एक्सप्रेस वे या द्रुतगामी मार्ग भारतीय सड़क नेटवर्क में सबसे उच्च वर्ग की सड़कें होती हैं. ये छह या आठ लेन वाले नियंत्रित-प्रवेश राजमार्ग हैं. इसमें हर लेन की चौड़ाई 2.73 मीटर से 3.9 मीटर तक हो सकती है. ये राजमार्गों और स्थानीय सड़कों से अलग होते हैं. इनमें प्रवेश और निकास छोटी सड़कों के इस्तेमाल से कंट्रोल किया जाता है. मौजूदा वक्त में भारत में लगभग 1455.4 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे परिचालन में हैं. भारत सरकार की इस राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना का उद्देश्य इस एक्सप्रेस-वे नेटवर्क का विस्तार कर एक्सप्रेस-वे में अतिरिक्त 18,636 किलोमीटर जोड़ने का है. जिसमें से 7491.1 किलोमीटर के एक्सप्रेस वे निमार्णाधीन अवस्था में है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत संचालित राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे प्राधिकरण एक्सप्रेस-वे के निर्माण और रखरखाव का प्रभार संभालता है. हालांकि दुनिया के मुकाबले भारत में एक्सप्रेस-वे का घनत्व बेहद ही कम है. 


पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पीएम मोदी ने किया लॉन्च


मंगलवार 16 नवंबर 2021 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Modi) ने सुल्तानपुर (Sultanpur) जिले के करवल खीरी (Karwal Kheri) में 341 किलोमीटर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था. इसकी आधारशिला भी जुलाई 2018 में आजमगढ़ में प्रधानमंत्री ने ही रखी थी. यह लगभग तीन साल बाद आम जनता के लिए खोला गया. इस एक्सप्रेसवे ने यूपी के पूर्वी हिस्से में विकास के नए दरवाजे खोल डाले. बिहार को दिल्ली से जोड़ने के लिए कॉरिडोर के रूप में एक अहम भूमिका निभाई. यही नहीं इससे यूपी के नौ जिले लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ गए हैं.


कितनी लागत से बना


उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh)का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) राज्य में एक 341 किलोमीटर लंबा 6-लेन वाला एक्सप्रेस-वे हैं जिसकी हर दिशा में तीन लेन है. इसे आठ लेन तक बढ़ाए जा सकता है. इसके साथ ही यह भारत का अब-तक का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे हैं. इस एक्सप्रेस वे से गाजीपुर और लखनऊ की दूरी महज साढ़े तीन घंटे में पूरी होती है. यही नहीं इससे दिल्ली से गाजीपुर के सफर के घंटे भी कम हो गए हैं. ये एक्सप्रेस वे सूबे के पूर्व में गाजीपुर से राजधानी लखनऊ (Lucknow) के चांद सराय गांव को जोड़ता है. इसे यूपीईआईडीए ने 22,496 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार किया है.


जानें इस एक्सप्रेस वे में क्या है खास



  • ये उत्तर प्रदेश सरकार की तैयार की गई सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा (Infrastructure Project) परियोजना में से एक है और इसे अविकसित पूर्वांचल क्षेत्र के "विकास के वाहक-Carrier Of Development" के तौर पर देखा जाता है.

  • एक्सप्रेसवे लखनऊ-सुल्तानपुर ( Lucknow-Sultanpur) रोड पर स्थित लखनऊ ( Lucknow) जिले के चंदसराय (Chandsarai) गांव से शुरू होता है और गाजीपुर (Ghazipur) जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर हैदरिया (Haidaria) गांव में खत्म होता है. वर्तमान में छह लेन चौड़ा राजमार्ग है और भविष्य में इसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है.

  • इस 341 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे ने लखनऊ से बिहार (Bihar) के बक्सर (Buxar) के बीच यात्रा के समय को सात घंटे से घटाकर लगभग चार घंटे कर दिया है. इसके बनने से लखनऊ से गाजीपुर तक की यात्रा का समय 6 घंटे से घटकर 3.5 घंटे हो गया है. 

  • इस की वजह से एनसीआर ( NCR)और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच एक सीधा संपर्क स्थापित हो गया है. जो लगभग बिहार की सीमा तक है. 

  • यमुना एक्सप्रेसवे नोएडा को आगरा से जोड़ता है,जबकि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे राज्य की राजधानी लखनऊ तक जाता है. वहीं पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे यूपी-बिहार सीमा से लगभग 18 किमी की दूरी पर खत्म होता है.

  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों, विशेष रूप से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़ जिलों के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहा है. 

  • मऊ और गाजीपुर, सरकार के मुताबिक लखनऊ, बाराबंकी (Barabanki),अमेठी (Amethi) अयोध्या (Ayodhya), सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर (Ambedkar Nagar), आजमगढ़ (Azamgarh), मऊ( Mau)और गाजीपुर जिलों को कवर करने वाले इस राजमार्ग पर 18 फ्लाईओवर, सात रेलवे ओवर ब्रिज, सात लंबे पुल, 104 छोटे पुल, 13 इंटरचेंज और 271 अंडरपास हैं.

  • सरकार ने एक्सप्रेसवे के साथ भूमि बैंक (Land Banks) विकसित किए हैं और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को राजमार्ग के साथ औद्योगिक हब विकसित करने के लिए अधिकृत किया गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने इस एक्सप्रेस वे को राज्य के पूर्वी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा था. 


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