नई दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल ने कहा कि कृषि बिल से सही संदेश किसानों के बीच नहीं गया है. इस बिल को किसान के मन में शंका है. सरकार को किसानों की मांगों को मान लेना चाहिए.


एबीपी न्यूज से खास बातचीत में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इस बिल में अगर आप देखें तो इंप्रेशन यह जाता है कि यह कॉरपोरेट हाऊस, मल्टीनेशलनल कंपनियों को खुली आजादी है अपनी मंडी बनाने की और उनकी मंडियों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं सरकार की मंडियों पर तो टैक्स लगता है वो वैसी ही रहेंगी.


बादल ने कहा, “धीरे-धीरे कॉरपोरेट किसानों पर कब्जा कर लेंगे. क्या कोई गरीब किसान अंबानी-अडानी से लड़ाई लड़ सकता है. पहले एक सिस्टम था, कानून था अगर यह सिस्टम खत्म हो जाएगा तो क्या होगा.”


पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, “किसान सोचता है कि यह एक शुरूआत है जैसे रियालंस ने शुरुआत में जीयो फ्री कर दिया जब बाकी कंपनियां रेस से बाहर हो गईं तो उन्होंने मार्केट पर कब्जा कर लिया. किसान के मन में यह शंका है.”


सुखबीर बादल ने कहा, “जब यह अध्यादेश आया था तो हमने सरकार से कहा था कि अध्यादेश न लाएं किसानों से बात करें. हमने कहा कि अकाली दल किसानों की पार्टी हमें जमीनी हकीकत मालूम हैं. हमने सरकार से कहा कि किसानों की सलाह को इसमें डाल दें लेकिन तब उन्होंने कहा कि अभी तो यह अध्यादेश है बिल बाद में आएगा.”


शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल ने कहा कि हमने दो महीनों तक किसानों से मीटिंग की और उनकी बात सरकार को बताई. हमने सरकार से कहा कि किसानों की सलाह बिल में लाए.


बता दें इस मुद्दे पर गुरुवार को केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया.  शिरोमणि अकाली दल बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टियों में से एक रही है. हरसिमरत का इस्तीफ़ा तीन अध्यादेशों के खिलाफ इस्तीफा दिया है जिनमें- उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020, किसान सशक्तीकरण और संरक्षण अध्यादेश और आवश्यक वस्तु (संशोधन) शामिल हैं.


यह भी पढ़ें:


पंजाब में NDA में फूट के बाद अब हरियाणा की बारी तो नहीं