नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमणों की कुल संख्या 90 लाख के पार पहुंच चुकी है. इनमें से एक लाख 32 हजार मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में हर किसी को कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. दुनियाभर में 200 से ज्यादा कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. आखिर भारत में वैक्सीन कब तक आ जाएगी? जब वैक्सीन आएगी, तो पहले किन लोगों को दी जाएगी? आखिर सरकार की वैक्सीन को लेकर क्या सोच है? इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से बातचीत की. यहां आगे पढ़िए स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा...


सवाल- वैक्सीन कब तक आ जाएगी?
जवाब- वैक्सीन के बारे में मैंने पहले भी कहा है कि दुनियाभर में वैक्सीन की खोज और इसके साथ जुड़ी हुई साइंस वैक्सिंग के डेवलपमेंट के प्रयास हो रहे हैं. इसमें दुनिया में 200 से ज्यादा वैक्सिंग कैंडिडेट है. भारत में अगर कहूं तो इसमें से 30 वैक्सीन कैंडिडेट अलग अलग तरीके से रिसर्च कर रहे हैं. इंडस्ट्री में रिसर्च हो रहा है साइंस डिपार्टमेंट में रिसर्च हो रहा है अलग-अलग इंस्टिट्यूट में रिसर्च और काम कर रहे हैं. सरकार हर तरीके से इनकी हैंडहोल्डिंग कर रही है. इन 30 स्टेट्स में से अभी 5 कैंडिडेट ऐसे मान कर चलिए कि वह क्लिनिकल ट्रायल के फेज में पहुंच गए हैं. 5 में से भी जो ऐसे हैं जो क्लिनिकल ट्रायल के फेस 3 में और आने वाले कुछ महीनों में वह यह चरण पूरा कर लेंगे. एक का तो शायद अगले महीने ट्रायल हो जाएगा और एक का कुछ महीनों में. और बाकी भी अलग-अलग चरणों में है. इन सब को मॉनिटर करने के लिए इन सब के साथ बातचीत करने के लिए अपडेट रहने के लिए सरकार ने एक एक्सपर्ट ग्रुप बनाया है जिसमें नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य बीके पाल और हमारे स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट का ग्रुप बनाया है और इससे जुड़े हुए ग्रुप भी इसमें है. सिर्फ वैक्सिंग के मैन्युफैक्चरर रिसर्च या डेवलपर के साथ ही नहीं बल्कि वैक्सीन आने पर वैक्सीन को कैसे लोगों तक पहुंचाना है इस पर भी रिसर्च हो रही है. हमारा अपना अनुमान है कि 2021 आने के बाद पहले जो दो-तीन महीने है वैक्सीन लोगों को लगाने के लिए उपलब्ध होनी शुरू हो जाएगी. बड़ा अनुमान यह है जुलाई अगस्त के महीने तक हम 20 से 25 करोड़ लोगों तक और उसमें एक महीना जोड़ ले तो 30 करोड़ लोगों तक देश के लोगों को वैक्सीन देने में सफल होंगे. अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक चलता है और सब कुछ उम्मीद पर चलता है और अभी तक जो भी इंडिकेशन मिल रहे हैं वह बिल्कुल पास होते हैं.


सवाल- वैक्सीन कब आएगी और किसे पहले दी जाएगी, कोई प्लान इसको लेकर?
जवाब- किसी एक का नाम लेना ठीक नहीं है लेकिन जैसा मैंने कहा जो वैक्सीन है जो अगले कुछ महीनों में उपलब्ध हो जाएगी, जिसकी 400 से 500 मिलियन डोज जैसा मैंने पहले भी कहा है हमको उम्मीद है जुलाई के महीने तक लोगों के लिए उपलब्ध भी करा लेंगे. तो कितना बड़ा देश है एक साथ सबको भी लगाई जा सकती है लेकिन उसके लिए उतनी वैक्सीन उपलब्ध होनी चाहिए. वैक्सीन के ऊपर सारी दुनिया में रिसर्च हो रहा है डब्ल्यूएचओ भी प्रयास कर रहा है जिसमें रिक्वायरमेंट पुलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन भी है. दुनिया में वैक्सीन को कैसे बांटा जाए इस पर भी बात हो रही है. क्योंकि सबको एक साथ एक खुराक नहीं मिल सकती, इसलिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन्हें प्राथमिकता देना जरूरी है. जो हमारी एक्सपर्ट कमेटी ने विश्लेषण किया है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या हो रहा है सबसे पहली प्राथमिकता निश्चित रूप से हेल्थ केयर वर्कर्स हैं. हेल्थ वर्कर यानी वह जो सरकारी अस्पतालों में काम करते हैं सरकारी हेल्थ सिस्टम में हैं और प्राइवेट में भी हैं. इसके बाद प्रॉपर्टी में फ्रंटलाइन वर्कर हैं उन्होंने भी बहुत योगदान दिया है, जिसमें पुलिसकर्मी है, पैरामिलिट्री फोर्स है या मुंसिपल कॉरपोरेशन जो वर्कर फील्ड में काम करते हैं. फिर उसके बाद बुजुर्ग लोग हैं और बुजुर्ग लोग में भी 65 साल से बड़ी है एक कैटेगरी. फिर उसके बाद कैटेगरी ऐसी है जो 50 साल से 65 साल के बीच में है क्योंकि देखा गया है बड़ी संख्या में बीमार हुए या मृत्यु को प्राप्त हुए वह 50 से 65 के बीच में थे. उसके बाद स्वभाविक है जो 50 से कम हैं लेकिन पहले से किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित है उनके बारे में भी विचार होगा. राज्य सरकार से प्राथमिकता ग्रुप के हिसाब से उनकी लिस्ट बनाने के लिए कहा गया है. अब उसको हमारे इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म पर अपलोड करने के लिए कहा जा रहा है. तैयारी पूरी है.


मान लीजिए इतनी वैक्सीन उपलब्ध हो जाए कि सारे देश को एक साथ लगाई जा सकती है तो सारे देश को लगा दी जाएगी. हम सालों से देश को वैक्सीन लगा ही रहे हैं. हमारा इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम चल रहा है. हम बच्चों को 12 टीके लगा रहे हैं. उनके घर के नजदीक जाकर पोलियो की वैक्सीन देते हैं लोगों को.


सवाल- दिल्ली और कुछ राज्यों में केस क्यों बढ़ रहे है, जबकि केस कम होना शुरू हुए थे?
जवाब- जो केस पर बढ़ रहे हैं वह सिर्फ दिल्ली में बढ़ रहे हैं. देश के कुछ राज्यों को छोड़े तो वहां थोड़ी बहुत केस बढ़ रहे हैं लेकिन मोटे तौर पर देशभर में जहां केस ज्यादा हो रहे थे वहां केस डिक्लाइन हो रहे हैं. दिल्ली में केस बढ़ रहे हैं अच्छे खासे बढ़ रहे हैं. ऐसा 8-10 महीने में कभी नहीं रहा. दिल्ली की चिंता हम शुरू से व्यक्त कर रहे हैं. बार-बार लोगों को आगाह कर रहे हैं. सपोर्ट देने के लिए भी प्रयास हो रहे हैं और हर चीज करने के लिए आगाह भी किया जा रहा है. भारत सरकार की ओर से दिल्ली सरकार की पूरी मदद की जा रही है और पहले भी मदद की जा रही थी. अभी भी दिल्ली के परिपेक्ष में जो कुछ जरूरी है वह कर रहे हैं.


सवाल- दिल्ली में शादियों में शामिल होने के लिए लोगों की संख्या 50 तक सीमित कर दी है और 2000 का चालान है. आप इसको कैसे देखते हैं यह सही है?
जवाब- यह सब चीजें भी जरूरी है लोगों को डिसिप्लिन में रखने के लिए. मैं बार-बार अपील कर रहा हूं कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया है. हमारे फोन पर हर समय कॉलर ट्यून पर अमिताभ बच्चन अपील कर रहे हैं देश को. यह काम आज से नहीं जनवरी से कर रहे हैं. गांव के छोटे से बच्चे को भी पता है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मास्क पहनना है हाथ धोना है सब कुछ करना है. अगर लोग नियम तोड़ रहे हैं तो फिर कठोर सहारा लेकर ही काम करना होगा.


सवाल- छठ पूजा को लेकर दिल्ली सरकार सार्वजनिक जगहों पर रोक लगा रही है, इस पर आपका क्या मानना है?
जवाब- धार्मिक भावना है जो धार्मिक प्रवृत्ति है उस सब का आदर करना भी जरूरी है. वह हमको बहुत सुख और संतुष्टि देता है. जो भी लोग जहां कहीं भी अगर कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपना सकते हैं तो फिर किसी बात में कोई दिक्कत नहीं है. वह अपनाने के लिए सरकार और सारे सिस्टम सहयोग करें. ऐसी व्यवस्थाओं को प्लान करें, ऐसी व्यवस्थाओं को मॉनिटर करें. मुझे लगता है कि यह ज्यादा प्रैक्टिकल है.


सवाल- कहा जा रहा है कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के लिए वह यूके में रेगुलेटर के पास जाएंगे, तो ऐसे में क्या इस वैक्सीन को भारत में भी जल्द अनुमति मिल सकती है?
जवाब- इसे कहते हैं इमरजेंसी ऑथराइजेशन. जब ऐसी परिस्थिति आएगी तो निश्चित रूप से जो एक्सपर्ट है वह इस बारे में फैसला करेंगे. हम बस इतना कहेंगे कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार या उसके एक्सपर्ट जो भी फैसला करेंगे जो हमारा प्राइमरी फोकस है वह लोगों का इंटरेस्ट है लोगों की सेफ्टी है लोगों का हित होगा.


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