मिग-21 फाइटर जेट के रिटायरमेंट से एक दिन पहले रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार (25 सितंबर, 2025) को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ भारतीय वायु सेना के लिए 97 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एललीए) मार्क-1ए की खरीद के लिए करार किया है. करार के बाद एचएएल के सीएमडी (चैयरमेन कम मैनेजिंग डायरेक्टर) डी.के सुनील ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की और बताया कि अगले 7-8 वर्षों में सभी 180 एलसीए फाइटर जेट बनकर तैयार हो जाएंगे.

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सीएमडी के मुताबिक अमेरिका से एलसीए मार्क-1ए के लिए तीन एविएशन इंजन (एफ-404) मिल चुके हैं. इन इंजन से लैस मार्क-1ए वर्जन की पहली उड़ान अगले महीने होने जा रही है. इसके बाद इन तीनों लड़ाकू विमानों को वायुसेना को सौंप दिया जाएगा. मिग-21 के रिप्लेसमेंट के लिए सरकार ने एलसीए तेजस फाइटर जेट को चुना है. गुरुवार को हुए करार की कुल लागत 62,370 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें टैक्स शामिल नहीं हैं.

अमेरिका से इंजन की सप्लाई में हुई देरी97 मार्क-1ए फाइटर जेट में 68 सिंगल सीटर लड़ाकू विमान हैं और 29 टूइन सीटर ट्रेनिंग विमान हैं. इन विमानों में करीब 64 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री होगी. वर्ष 2023 में भी रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ 83 मार्क-1ए वर्जन का करार किया था. उसकी कीमत करीब 48 हजार करोड़ थी. डीके सुनील के मुताबिक, नए 97 एलसीए, 83 वाली खेप से आएसा रडार और इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर सूट के चलते थोड़ा उन्नत होंगे. हालांकि अमेरिका से इंजन की सप्लाई में काफी देरी हुई है. ऐसे में एलसीए प्रोजेक्ट भी दो वर्ष पीछे चल रहा है.

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एलसीए के निर्माण के लिए कुल तीन प्रोडक्शन लाइन शुरूडीके सुनील के मुताबिक अमेरिकी कंपनी जीई ने भरोसा दिया है कि अब एविएशन इंजन की सप्लाई सुचारू रूप से होगी. इ्स वित्तीय वर्ष (2025-26) में कुल 12 एविएशन इंजन एचएएल को मिल जाएंगे. इसके साथ ही एचएएल ने एलसीए के निर्माण के लिए कुल तीन प्रोडक्शन लाइन शुरू कर दी हैं ताकि वायुसेना को सप्लाई सही समय पर की जा सके (02 बेंगलुरु और 01 नासिक में).

एचएएल का भी मिग-21 से गहरा नाता एचएएल के सीएमडी ने बताया कि भले ही एलसीए, मिग-21 को रिप्लेस कर रहा है, लेकिन मिग से बेहद उन्नत किस्म के हैं, क्योंकि मिग-21 का डिजाइन और तकनीक 60 के दशक की थी, जबकि एलसीए एक आधुनिक फाइटर जेट हैं. सीएमडी ने बताया कि एचएएल का भी मिग-21 से गहरा नाता रहा है, क्योंकि वायुसेना द्वारा ऑपरेट किए जाने वाले कुल 800 मिग-21 फाइटर जेट में से 600 का निर्माण भारत में ही एचएएल ने रूस से लाइसेंस लेकर किया था.  

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