नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) नेता आतिशी मार्लेना के नाम बदलने को लेकर जारी सिसासी चर्चे के बीच पार्टी से इस्तीफा देने वाले आशुतोष ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बड़ा हमला बोला है. हालांकि उन्होंने नाम का जिक्र नहीं किया. पत्रकार आशुतोष ने अपने टाइटल (सरनेम) को लेकर कहा कि मुझपर सरनेम बताने के लिए दबाव डाला गया.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''पत्रकारिता के 23 साल के करियर में कभी किसी ने मुझसे मेरी जाति या उपनाम नहीं पूछा. मैं हमेशा अपने नाम से जाना जाता था लेकिन 2014 में जब मुझे लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया तो मुझे पार्टी वर्कर के बीच मेरे उपनाम के साथ उल्लेख किया गया. मैंने इसका विरोध किया था. मुझसे बाद में कहा गया था कि सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहां काफी वोट हैं.''
हालांकि उन्होंने बाद में सफाई दी और कहा कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को निशाना नहीं बनाया था. आशुतोष ने कहा कि मीडिया ने मेरे ट्वीट को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया. मैं अब आम आदमी पार्टी के साथ नहीं हूं, मैं खुले तौर पर विचार रख सकता हूं. इसका ये कतई मतलब नहीं है कि मैंने जो बात कही वो पार्टी पर हमला करने के लिए है.
दरअसल, सारा विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना ने अपना नाम बदलकर सिर्फ आतिशी कर लिया. आम आदमी पार्टी (आप) के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने अपना नाम पार्टी की सलाह के बाद बदला. पार्टी सूत्र ने कहा, ''भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आतिशी को ईसाई बता कर अफवाह उड़ा रही थी, जबकि वो एक पंजाबी राजपूत हैं. इसलिए पार्टी ने उनसे कहा कि वे अपने नाम से 'मार्लेना' हटा लें.'' जिसके बाद आतिशी मार्लेना ने अपना नाम बदलकर आतिशी कर लिया है.
क्या चुनाव की वजह से AAP नेता आतिशी मार्लेना ने बदला नाम?
राजनीतिक विश्लेषकों ने इसपर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि धर्म, जाति और परंपरागत राजनीति से अलग राजनीति करने का दावा कर सत्ता में आई आप भी उसे ढर्रे पर उतर आई है. हालांकि आम आदमी पार्टी ने मीडिया रिपोर्ट्स को गलत बताते हुए कहा कि नाम बदलने को लेकर कभी किसी नेता को नहीं कहा गया.
आतिशी को आम आदमी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली सीट से लोकसभा उम्मीदवार बनाया है. वे दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार रह चुकी हैं और उनका नाम दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति और शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के मामले में लिया जाता है.
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