नई दिल्लीः सरकार ने आज कहा कि राजनीतिक दलों के खातों की जांच पड़ताल के लिए आयकर कानून में पर्याप्त प्रावधान हैं भले ही उनकी आय को कर छूट मिली हो.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा है कि रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे को कुछ शर्तों के साथ कर छूट है जिसमें खातों की ऑडिट और 20,000 रुपये से अधिक के सभी चंदे कर दायरे में शामिल हैं.

हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि बोर्ड को राजनीतिक दलों के आयकर रिटर्न जांचने का अधिकार नहीं है. इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करते हुए सीबीडीटी ने कहा है, ‘राजनीतिक दलों के खातों की जांच पड़ताल के लिए आयकर कानून में पर्याप्त प्रावधान हैं और ये राजनीतिक दल भी आयकर के अन्य प्रावधानों के दायरे में आते हैं जिनमें रिटर्न फाइल करना शामिल है.’

बयान में कहा गया है कि आयकर में छूट केवल पंजीकृत राजनीतिक दलों को है और इसमें भी कुछ शर्तें हैं जिनका उल्लेख आयकर कानून की धारा 13A में किया गया है. इन शर्तों में खाता बही सहित अन्य दस्तावेज रखना शामिल है.

इसमें कहा गया है, ‘20,000 रुपये से अधिक हर तरह के स्वैच्छिक चंदे का राजनीतिक दलों को रिकार्ड रखना होगा जिसमें चंदा देने वाले का नाम व पता रखना भी शामिल है.’ इसके साथ ही हर राजनीतिक दल के खातों का चार्टर्ड एकाउंटेंट से ऑडिट होना चाहिये. राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के बारे में रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को देनी होती है.