आम जनता के करोड़ों रुपये ठगने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता की चिटफंड कंपनी 'भारतीय कृषि समृद्धि इंडस्ट्रीज' की लगभग सवा करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की है. मार्केट में इसकी वैल्यू साढ़े तीन करोड़ रुपये से ज्यादा बताई गई है. इसके तहत कंपनी के निवेशकों और उनके परिजनों के नाम पर कोलकाता उसकी आसपास जमीनें फ्लैट और दुकानें शामिल हैं. इस कंपनी पर झूठे वादे कर आम निवेशकों से पैसा ठगने का आरोप है. 


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक आला अधिकारी ने बताया की मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह जांच प्रवर्तन निदेशालय ने कोलकाता के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज हुई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. स्थानीय पुलिस में दर्ज हुई एफआईआर को बाद में जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि विभिन्न फर्जी योजनाओं के माध्यम से पश्चिम बंगाल और उसके आसपास के अन्य राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से इस कंपनी ने साल 2011 से साल 2013 के बीच फर्जी योजनाओं का जाल दिखाकर उगाही की थी.


यह भी आरोप है कि आम निवेशकों से पैसा एकत्र करने के लिए उचित सरकारी परमिशन भी नहीं ली गई थी. ईडी की जांच के मुताबिक इस कंपनी के निदेशकों ने एकत्र किए गए पैसे से अपने परिजनों के नाम पर अचल संपत्तियां खरीदीं. साथ ही आम निवेशकों से ठगा गया पैसा अवैध तरीके से एक जगह से दूसरी जगह भेजा गया. साथ ही यह पैसा निवेशकों को वापस भी नहीं किया गया. 


जांच के दौरान यह भी पता चला कि भारतीय कृषि समृद्धि इंडस्ट्रीज लिमिटेड के विभिन्न शाखा कार्यालयों के माध्यम से जनता से ज्यादातर जमा राशि नगद के तौर पर ली गई थी. साथ ही इस कंपनी के निदेशक ने कई अन्य कंपनियां भी शुरू की थीं. फिलहाल अब तक की जांच के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी की इस अचल संपत्ति की जब्ती की है. मामले की जांच जारी है.


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