प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रियल एस्टेट फ्रॉड के मुख्य आरोपी और लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले अमित कात्याल को मंगलवार (17 नवंबर, 2025) को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद कात्याल को गुरुग्राम स्थित स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने 6 दिन की कस्टडी में भेज दिया.

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ED की जांच उन FIRs पर आधारित है, जो गुरुग्राम पुलिस और दिल्ली EOW ने दर्ज की थी. आरोप था कि कात्याल ने गुरुग्राम के सेक्टर-70 में बनने वाले क्रिश फ्लोरेंस एस्टेट (Krrish Florence Estate) हाउसिंग प्रोजेक्ट में लोगों से पैसे लिए गए, लेकिन किसी को फ्लैट दिए ही नहीं गए. यह प्रोजेक्ट 14 एकड़ जमीन पर बनाया जाना था, लेकिन 10 साल से भी ज्यादा समय में भी पूरा नहीं हुआ.

ED की जांच में क्या-क्या खुलासा हुआ?

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ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि अमित कात्याल ने दूसरे डेवलपर के लाइसेंस से जुड़े कागजों का गलत फायदा उठाया. DTCP हरियाणा से लाइसेंस लिए बिना ही लोगों से करोड़ों रुपये वसूले. इस तरीके से करीब 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आया. पूरे प्रोजेक्ट में सिर्फ 3 टावर खड़े किए गए, वो भी पूरे नहीं हुए. घर खरीदारों की शिकायत पर प्रोजेक्ट पर इंसॉल्वेंसी की प्रक्रिया शुरू हो गई.

केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट पर कात्याल ने ली फर्जी बुकिंग्स

ED के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए था, लेकिन उसी में फर्जी बुकिंग्स कर दी गईं. खरीदारों से लिए गए पैसे को प्रोजेक्ट में लगाने के बजाय दूसरे कामों में खर्च किया गया. जांच में यह भी सामने आया कि इंसॉल्वेंसी केस चलते समय कात्याल ने 2 एकड़ जमीन (कीमत करीब 130 करोड़ रुपये) को बहुत कम कीमत पर बेच दिया. ED ने इसे कानून और प्रक्रिया का खुला दुरुपयोग बताया है.

ED को यह भी पता चला कि एक सरकारी बैंक से लिए गए कई करोड़ रुपये के लोन को कात्याल ने दूसरी जगहों पर घुमा दिया. बैंक को करीब 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. कई और प्रोजेक्ट्स में भी आरोप अमित कात्याल पर पहले भी कई मामलों में FIR दर्ज है. इन प्रोजेक्ट्स में क्रिश वर्ल्ड (सेक्टर 63, गुरुग्राम), प्रोविंस एस्टेट और कुछ अन्य रियल एस्टेट प्रोजेक्ट शामिल हैं. एजेंसी का कहना है कि आगे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.

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