Emergency Landing of Air Force Aircraft: देश में पहली बार हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग के लिए मिलिट्री ट्रांसपोर्ट को उतारा जा रहा है. खास बात ये है कि जब ये लैंडिंग-ड्रिल कराई जाएगी तो उस विमान में खुद देश के रक्षा मंत्री और सड़क परिवहन मंत्री मौजूद रहेंगे. गुरुवार को ये लैंडिंग पाकिस्तान से सटी राजस्थान सीमा के बाड़मेर में होने जा रही है. हाईवे पर रनवे को 'इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड' यानी ईएलएफ नाम दिया गया है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचआईए) ने 03 किलोमीटर लंबी एयर-स्ट्रीप तैयार की है. ये ईएलएफ पाकिस्तानी सीमा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर है. इसके अलावा हाईवे के करीब ही एनएचआईए ने तीन हैलीपैड भी तैयार किए हैं.


जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के सी-130जे सुपर-हरक्युलिस विमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इमरजेंसी लैंडिंग की ड्रिल में हिस्सा लेंगे. ये ड्रिल पाकिस्तानी सीमा के करीब तैयार किए गए नए हाईवे पर कराए जाएगी. ये नया हाईवे केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी 'भारतमाला-प्रोजेक्ट' का हिस्सा है. रक्षा मंत्री और परिवहन मंत्री लैंडिंग के तुरंत बाद इस हाईवे का उद्धघाटन करेंगे. सुबह करीब 10.50 पर रक्षा मंत्री और परिवहन मंत्री का विमान बाड़मेर के नेशनल हाईवे (एनएच) नंबर 925 पर इमरजेंसी लैडिंग करेगा. इस दौरान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान भी 'टच डाउन' करेंगे.


राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे हो रहे तैयार


युद्ध के समय में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना के ऑपरेशन्स यानी लैंडिंग और टेक-ऑफ हो सके, उसके लिए ही ये ड्रिल कराई जा रही है. परिवहन मंत्रालय अब देश में ऐसे ही राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे तैयार कर रहा है, जिन्हें एयर-स्ट्रीप यानी हवाई पट्टे के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके. ऐसे हाईवे जिन पर जरूरत पड़ने पर वायुसेना के ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जा सके क्योंकि युद्ध के समय में दुश्मन देश की वायुसेना सबसे पहले एयर-बेस और हवाई पट्टियों को ही नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में ये हाईव एयर-स्ट्रीप वायुसेना के ऑपरेशन्स के लिए बेहद जरूरत होती हैं.


जानकारी के मुताबिक, सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस तरह की इमरजेंसी लैडिंग के लिए कुल 12 हाईवे चिन्हित किए हैं. इनमें से अधिकतर चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं के करीब हैं. राजस्थान में बाड़मेर के अलावा जैसलमेर के करीब और जोधपुर के करीब इस तरह की हाईवे एयर-स्ट्रीप तैयार की गई हैं. चीन सीमा के करीब उत्तराखंड के काठगोदाम-रामपुर हाईवे पर, पश्चिम बंगाल में खड़गपुर के करीब और असम के मोहनबाड़ी-तिनसुकिया इसमें शामिल हैं. इसके अलावा भी कई ऐसे हाईवे हैं जहां पर इस तरह की एयर-स्ट्रीप तैयार की जा रही हैं.


आपको बता दें कि देश में पहली बार वर्ष 2015 में दिल्ली-आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे पर मथुरा के करीब मिराज-2000 की लैंडिंग कराई थी. इसके बाद आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर 2016 में मिराज और सुखोई फाइटर जेट्स ने लैंडिंग की थी. लेकिन मिलिट्री-ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की लैंडिंग पहली बार होने जा रही है.



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