केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पदभार ग्रहण करने के बाद शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति को धरातल पर लागू करने पर काम करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से सभी राज्यों के शिक्षा विभाग के साथ मिलकर कोरोना महामारी के चलते पटरी से उतरी शिक्षा को रफ्तार देने पर मिलकर काम करने को कहा. उन्होंने बैठक के दौरान स्कूली शिक्षा की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा भी की.
सूत्रों के मुताबिक, शिक्षा मंत्री ने कहा है कि दोनों मंत्रालयों के अधिकारी शिक्षा और कौशल से जुड़ी योजनाओं की जानकारी एक साथ बैठकर शेयर करें. यदि कोई दिक्कत आती है तो उसका तत्काल समाधान निकालना होगा. योजनाओं की समीक्षा करने के लिए सोमवार को दोबारा बैठक की जा सकती है. सोमवार को स्कूली पाठ्यक्रम की रूपरेखा पर भी चर्चा होने की संभावना है. शनिवार की बैठक में सचिव, स्कूल शिक्षा और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया. इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए कई सुझाव भी दिए. उन्होंने आने वाले समय में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने पर भी बातचीत की. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए इस बारे में जानकारी दी.
बता दें कि नई शिक्षा नीति के तहत छठी क्लास से कौशल विकास की पढ़ाई शुरू होनी है. अधिकारियों को समीक्षा बैठक में कहा गया है कि वे स्कूली शिक्षा में नए जमाने के कौशल विकास के तहत पाठ्यक्रम तैयार करें. अधिकारियों को शिक्षकों की ट्रेनिंग पर विशेष फोकस करने के भी निर्देश दिए गए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि नए शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में शिक्षा के स्तर में सुधार देखने को मिल सकता है.
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