Delhi Waqf Board Money Laundering Case: दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार करना चाहती है. मामले को लेकर ईडी ने दिल्ली कोर्ट का रुख किया है और आप विधायक के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट की मांग की है.


इसको लेकर अदालत ने मामले को 18 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है क्योंकि ईडी ने अपने आवेदन के समर्थन में दस्तावेज दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जस्टिस राकेश सयाल के हवाले से बताया, “अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ओपन-एंडेड और गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए मिला है. एसपीपी नियम के मुताबिक ईडी के लिए जांचा और पंजीकृत किया जा रहा है क्योंकि आवेदन के समर्थन में कुछ दस्तावेज दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा गया है. जैसा कि अनुरोध किया गया है, 18 अप्रैल 2024 को विचार के लिए रखें.”


ईडी ने 4 लोगों के खिलाफ फाइल की चार्जशीट


प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में ओखला विधायक के तीन कथित सहयोगियों सहित चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार (09 अप्रैल) को ईडी की ओर से दायर एक आवेदन पर अमानतुल्ला खान को 20 अप्रैल को उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया. एजेंसी ने आवेदन में दावा किया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के ‘‘अवैध भर्ती’’ से संबंधित धन शोधन मामले में आप विधायक कथित रूप से एजेंसी के समन को नजरअंदाज कर रहे हैं.


अमानतुल्लाह खान ने ईडी के समन को किया नजरंदाज


केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि खान अग्रिम जमानत याचिका दायर करके और जांच में शामिल नहीं होकर मामले में एक गवाह से एक आरोपी की भूमिका में आ गए हैं. ईडी की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक साइमन बेंजामिन ने आवेदन में यह भी कहा कि एजेंसी खान के खिलाफ जांच खत्म नहीं कर सकी क्योंकि वह उसके सामने पेश नहीं हो रहे हैं. ईडी के अनुसार, खान ने 23 जनवरी, 31 जनवरी, 9 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च को पूछताछ के लिए जारी किए गए समन का पालन नहीं किया था.


क्या है मामला


एजेंसी ने पिछले साल अक्टूबर में खान और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों पर छापे मारने के बाद दावा किया था कि आप विधायक ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से ‘‘अपराध की आय’’ के रूप में नकदी अर्जित की थी और उन्होंने अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने में रकम का इस्तेमाल किया.


ये भी पढ़ें: Arvind Kejriwal In SC: चुनाव को आधार बनाकर जेल से बाहर आना चाहते हैं केजरीवाल, जानें कब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई