ED Action Against Saji John: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6 मार्च 2025 को केरल के पेरुम्बवूर के पूर्व ग्राम सहायक साजी जॉन और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत एर्नाकुलम की विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल की. अदालत ने उसी दिन इस शिकायत पर संज्ञान ले लिया.

साजी जॉन पहले केरल राज्य राजस्व विभाग में ग्राम सहायक के पद पर कार्यरत थे, उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की. ईडी की जांच में यह सामने आया कि उन्होंने अपने आधिकारिक अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर संपत्ति अर्जित की, जो उनके ज्ञात आय स्रोतों से मेल नहीं खाती.

साजी जॉन पर क्या हैं आरोप?दरअसल, ईडी की जांच में सामने आया कि साजी जॉन ने अपने पद का दुरुपयोग कर कई संपत्तियां अर्जित कीं. अवैध रूप से धन को सफेद करने के लिए कई माध्यमों का इस्तेमाल किया. उनकी संपत्तियों और आय के बीच अनियमितता पाई गई. ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों और बोगस कंपनियों के जरिए संपत्ति अर्जित की, बैंकिंग लेन-देन में अनियमितताएं थीं. उनके ओर से किए गए निवेश उनके ज्ञात आय स्रोतों से अधिक थे.

ईडी का क्या है मुख्य उद्देश्य?प्रवर्तन निदेशालय (ED) भारत सरकार की एक विशेष एजेंसी है, जो धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत आर्थिक अपराधों की जांच करती है. इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग से अर्जित संपत्तियों की पहचान, जब्ती और दोषियों को सजा दिलाना है. हाल के वर्षों में ईडी ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों में सख्त कार्रवाई की है.

सुप्रीम कोर्ट का भी स्पष्ट निर्देश है कि सिर्फ आपराधिक साजिश का आरोप लगाने से PMLA के तहत मामला नहीं बनता. जब तक कि साजिश मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी न हो. यही कारण है कि ईडी ने साजी जॉन के खिलाफ ठोस सबूत इकट्ठा करने के बाद ही अदालत में मामला दायर किया.

सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त नीतिसाजी जॉन पर कार्रवाई सरकार की भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ सख्त नीति को दर्शाती है. हाल के वर्षों में ईडी ने कई बड़े नेताओं, सरकारी अधिकारियों और व्यवसायियों के खिलाफ जांच शुरू की है. यह मामला दिखाता है कि सरकारी पदों का दुरुपयोग करने वालों पर अब कानून का शिकंजा कसता जा रहा है.

क्या होगा आगे?अब अदालत में इस मामले की सुनवाई होगी, जिसमें कई और खुलासे हो सकते हैं. अगर साजी जॉन दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें भारी जुर्माना और सजा हो सकती है. ईडी इस मामले में संपत्तियों की जब्ती और आर्थिक दंड की भी मांग कर सकती है.

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