कोलकाता ईडी ने LFS Broking Pvt Ltd और इसके डायरेक्टर्स और पार्टनर्स के कई ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले को लेकर की गई. छापेमारी के दौरान 118 बैंक अकाउंट फ्रीज किए गए है और 63 अचल संपत्ति जब्त की गई है.

जब्त की गई प्रॉपर्टीज में 2 होटल, एक रिज़ॉर्ट, ज़मीन के टुकड़े, रिहायशी बंगला, फ्लैट्स और दुबई के ईगल हाइट्स में एक प्रॉपर्टी शामिल है. इन प्रॉपर्टीज की मार्केट वैल्यू का आंकलन किया जा रहा है. ईडी ने इस केस में दो लोगों दिलीप कुमार मैती और मोहम्मद अनरूल इस्लाम को गिरफ्तार किया है. इन्हें कोलकाता की ईडी कोर्ट में पेश किया गया. जहां से इन्हें 11 दिन की ED कस्टडी में भेज दिया गया है.

आरोपियों ने असली कंपनी का नाम इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह कियाLFS Broking Pvt Ltd के नाम पर लोगों से भारी मात्रा में पैसा इन्वेस्टमेंट के नाम पर इकट्ठा किया गया. कंपनी को सेबी से शेयर ब्रोकिंग और इन्वेस्टमेंट एक्टिविटी की मंजूरी थी, लेकिन आरोपियों ने इसी नाम से मिलती-जुलती दूसरी फर्म LFS Broking and PMS Services बनाई और असली कंपनी का नाम इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह किया.

2024 में सेबी ने कंपनी का रजिस्ट्रेशन किया रद्द ईडी के अधिकारियों ने बताया कि लोगों को सेमिनार, सोशल मीडिया, ऑनलाइन ऐड्स के जरिए बड़े रिटर्न्स का लालच देकर इन्वेस्ट करवाया गया, लेकिन असल में ये पैसा फर्जी कंपनियों के जरिए घुमा कर होटल, रिज़ॉर्ट और विदेशों में प्रॉपर्टीज खरीदने में इस्तेमाल किया गया. ED की जांच में सामने आया कि ये ठगी सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं रही, बल्कि देश के कई हिस्सों तक फैल चुकी थी. इस मामले में कई FIRs भी दर्ज की गई. जब लोगों को उनका पैसा वापस नहीं मिला तो साल 2024 में सेबी ने कंपनी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया.

अब तक की जांच में करीब 266 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता चला है और ईडी के मुताबिक ये आंकड़ा आगे की जांच में और बढ़ सकता है. जांच जारी है.

ये भी पढ़ें:

‘सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था CJI केंद्रित’, विदाई भाषण में जस्टिस अभय ओका ने कर दी बड़े बदलाव की मांग