ED Action: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत अंबर दलाल और उनके सहयोगियों से जुड़ी 36.21 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है. ये संपत्तियां मुंबई और कोलकाता में स्थित 10 अचल संपत्तियों के रूप में हैं साथ ही एफडीआर, शेयर, म्यूचुअल फंड और वैकल्पिक फंड में निवेश के रूप में चल संपत्तियां भी शामिल हैं.
सूत्रों के अनुसार अंबर दलाल और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि इन्होंने इलीगल तरीके से इकट्ठी धन को अलग-अलग संपत्तियों और वित्तीय साधनों में निवेश किया. ईडी की जांच में ये सामने आया कि इन संपत्तियों को फर्जी लेन-देन और हवाला नेटवर्क के जरिए खरीदा गया था.
कैसे हुआ घोटाला?
अंबर दलाल और उनके सहयोगियों ने फर्जी कंपनियों के नाम पर लेन-देन कर काले धन को सफेद किया. इसके बाद इस काले धन को शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, और वैकल्पिक निवेश योजनाओं (AIF) में निवेश किया गया. इसके अलावा हवाला नेटवर्क के जरिए मुंबई और कोलकाता में कई अचल संपत्तियां खरीदी गई.
मुंबई और कोलकाता में 10 संपत्तियों की कुर्की
ईडी ने इस मामले में गहरी जांच की और कई वित्तीय लेन-देन का विश्लेषण किया. इस जांच के आधार पर अंबर दलाल और उनके सहयोगियों से जुड़ी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया गया है. अब तक उठाए गए कदमों में मुंबई और कोलकाता में स्थित 10 संपत्तियों की कुर्की की गई है. साथ ही शेयर, म्यूचुअल फंड, एफडीआर और अन्य वित्तीय साधनों की भी कुर्की की गई है. जांच अभी भी जारी है और आरोपियों से जुड़े अन्य संपत्तियों और लेन-देन की भी पड़ताल की जा रही है.
मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
ईडी अब आरोपियों से पूछताछ कर सकती है और अन्य संदिग्ध लेन-देन की जांच भी करेगी. अगर आरोपियों पर आरोप साबित होते हैं तो उनकी संपत्तियों को स्थायी रूप से जब्त किया जा सकता है. इसके अलावा इस घोटाले से जुड़े अन्य व्यक्तियों की भी जांच की जा सकती है.