ED Transfer Propery To SBI: हैदराबाद के मुसद्दीलाल ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को बड़ी सफलता मिली है. ED ने मुसद्दीलाल ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच करते हुए 79.20 करोड़ रुपये की संपत्ति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को वापस दिलाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है.
कैसे हुआ मामला उजागर?ED की जांच में सामने आया कि मुसद्दीलाल ज्वेलर्स ने नोटबंदी के तुरंत बाद 111 करोड़ रुपये के पुराने नोट बैंकों में जमा कराए थे. ये धनराशि फर्जी ग्राहकों से एडवांस भुगतान के रूप में दिखाकर जमा की गई थी. कंपनी ने करीब 6000 नकली ग्राहकों के नाम पर 2 लाख रुपये से कम के फर्जी बिल बनाए थे. बाद में इस पैसे से सोने की खरीद की गई और उसे बेचकर 28 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ कमाया गया.
SBI को क्यों लौटाई गई संपत्ति?SBI ने मुसद्दीलाल ज्वेलर्स को कई लोन की सुविधाएं दी थीं लेकिन कंपनी ने इन्हें समय पर नहीं चुकाया. जुलाई 2019 में कंपनी के लोन खाते NPA (डूबा हुआ कर्ज) घोषित कर दिए गए. मार्च 2023 तक कंपनी पर SBI का 120 करोड़ रुपये से अधिक बकाया था. ED ने 12 जनवरी 2017 और 15 अप्रैल 2019 को छापेमारी के दौरान 83.30 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की. इसके बाद कुल 130.57 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया गया. SBI ने इस संपत्ति को वापस पाने के लिए PMLA की धारा 8 (8) के तहत कोर्ट में आवेदन दिया था.
कोर्ट का आदेशED की अपील पर हैदराबाद की विशेष PMLA अदालत ने 6 जनवरी 2025 और 3 फरवरी 2025 को आदेश जारी कर मुसद्दीलाल ज्वेलर्स से जब्त 79.20 करोड़ रुपये मूल्य के आभूषण SBI को सौंपने के निर्देश दिए.
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