ED ने सिलीगुड़ी के अवैध ऑनलाइन बेटिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए चर्चित यूट्यूबर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अनुराग द्विवेदी को जांच के घेरे में लिया है. इस मामले में ED ने 17 दिसंबर 2025 को लखनऊ और उन्नाव में 9 ठिकानों पर छापेमारी की, जहां से कई अहम सबूत बरामद हुए है.
ED ने ये जांच पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की. FIR में धोखाधड़ी, जालसाजी और अवैध बेटिंग से जुड़े आरोप है. जांच में सामने आया कि सिलीगुड़ी से एक ऑनलाइन बेटिंग पैनल चलाया जा रहा था, जिसे सोनू कुमार ठाकुर और विशाल भारद्वाज जैसे आरोपी ऑपरेट कर रहे थे.
अवैध ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म्स प्रमोट करता था अनुराग
ये लोग फेक बैंक अकाउंट, टेलिग्राम चैनल और दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी करवा रहे थे. ED की जांच में ये बात सामने आई है कि यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी ने इन अवैध ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म्स को प्रमोट करने में सक्रिय और अहम भूमिका निभाई. अनुराग ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रमोशनल वीडियो बनाए और शेयर किए, जिसके बदले उसे मोटी रकम मिली थी. ये पैसा हवाला नेटवर्क, फेक अकाउंटस और कैश डिलीवरी के जरिए उसके पास पहुंचाया गया.
अनुराग ने दुबई में प्रॉपर्टी खरीदी
जांच एजेंसी के मुताबिक, अनुराग की कंपनियों और उसके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में बड़ी मात्रा में पैसा आया, जिसका कोई वैध कारोबारी आधार नहीं मिला. ED का दावा है कि अवैध बेटिंग से कमाए गए पैसों से अनुराग द्विवेदी ने दुबई में रियल एस्टेट प्रॉपर्टी खरीदी. ये निवेश भी हवाला चैनलों के जरिए किया गया. जांच में ये भी सामने आया है कि अनुराग भारत छोड़कर दुबई में रह रहा है. ED ने उसे कई बार समन जारी किए, लेकिन अब तक वो जांच में पेश नहीं हुआ.
लेम्बोर्गिनी और मर्सीडीज समेत 4 गाड़ियां जब्त
17 दिसंबर को हुई तलाशी के दौरान ED को ऐसे दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले है, जिनसे दुबई में किए गए निवेश और हवाला के जरिए पैसे भेजने की पुष्टि होती है. ये सभी सबूत मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा करते है. ED ने अनुराग द्विवेदी की चार गाड़ियां जब्त की हैं, जिन्हें प्रोसीड्स ऑफ क्राइम माना गया है.
लेम्बोर्गिनी उरुस, मर्सीडीज, फोर्ड एंडेवर और महिंद्रा थार गाड़ियों की जब्ती हुई. ED अब इस पूरे नेटवर्क के पैसे के सोर्स, हवाला लिंक और विदेशी संपत्तियों की गहराई से जांच कर रही है. एजेंसी ये भी पता लगा रही है कि इस अवैध बेटिंग रैकेट से और कौन-कौन लोग जुड़े है.