प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुंबई जोनल कार्यालय ने बुधवार (8 अक्टूबर, 2025) को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का करीबी सलीम डोला के ड्रग नेटवर्क पर मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत कार्रवाई की और शहर में 9 ठिकानों पर छापेमारी की. 

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यह कार्रवाई फैसल जावेद शेख और अल्फिया फैसल शेख के एक संगठित ड्रग तस्करी नेटवर्क से जुड़े ड्रग्स की बिक्री से हुई कमाई का पता लगाने के लिए की गई. ईडी की छापेमारी के दौरान लगभग 42 लाख रुपए नकद, तीन सेकंड हैंड लग्जरी गाड़ियां (जिनमें दो BMW शामिल), संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई. 

मुंबई में ड्रग सिंडिकेट चलाने का आरोप

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इसके अलावा, एक बैंक लॉकर और कई बैंक खातों को भी सील कर दिया गया है, जिनमें अवैध कमाई (Proceeds of Crime) होने की आशंका है. ईडी ने यह जांच मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की ओर से दर्ज एक मामले के आधार पर शुरू की थी. 

इस मामले में आशिक वरीस अली, नासिर खान, फैसल जावेद शेख, अल्फिया फैसल शेख, इरफान यूसुफ फारुकी, अजीम अबू सलीम खान उर्फ अजीम भाऊ, फैजान मोहम्मद शफी शेख, मोहम्मद शाहिद फरीदुद्दीन चौधरी उर्फ बाबूस और अन्य के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने मुंबई में एक ड्रग सिंडिकेट चलाया.

ED की जांच में सामने आई ये बात

जांच में पता चला कि फैसल शेख कुख्यात ड्रग सप्लायर सलीम डोला से एमडी ड्रग खरीदता था और उसे अपने नेटवर्क के जरिए बेचता था. सलीम डोला पहले से ही कई मामलों में वांछित है और NCB ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम की घोषणा की हुई है.

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि फैसल और अल्फिया शेख ने MD ड्रग की बिक्री से हुई कमाई को छिपाने और उसे विदेश भेजने के लिए फर्जी कंपनियों (shell companies) और विदेशी ट्रांजैक्शन वाली फर्मों का इस्तेमाल किया. इन कंपनियों के माध्यम से 100 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध कागजी लेन-देन की बात सामने आई है.

जब्त की गई नकदी और दस्तावेजों की जांच जारी

इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल ड्रग्स की बिक्री से हुई अवैध कमाई के पैसे की आवाजाही को ट्रेस करना था, बल्कि उसके फंड के सोर्स, लाभार्थी और माध्यम को भी उजागर करना था. जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह पैसा हवाला, फर्जी कंपनियों या गलत व्यापार बिलिंग के जरिए विदेश भेजा गया था.

जब्त की गई नकदी, बैंक खाते, लॉकर, वाहन, संपत्ति दस्तावेज और डिजिटल उपकरणों की जांच फिलहाल जारी है. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े अपराधों की गहराई से जांच की जा रही है और आगे की जांच जारी है.

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