प्रवर्तन निदेशालय (ED) मुंबई की टीम ने 12 अगस्त 2025 को एक बड़े ऑपरेशन में साइप्रस बेस्ड गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म Parimatch के खिलाफ देशभर में 17 जगहों पर छापेमारी की. ये सर्च मुंबई, दिल्ली, नोएडा, जयपुर, सूरत, मदुरै, कानपुर और हैदराबाद में की गई. इस कार्रवाई के दौरान लगभग 110 करोड़ की रकम, जो अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में रखी थी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल हो रही थी उसे फ्रीज कर दिया गया. इसके अलावा कई इनक्रिमिनेटिंग डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल डिवाइस भी बरामद हुए.

ED की जांच साइबर पुलिस स्टेशन, मुंबई की FIR के आधार पर शुरू हुई थी. FIR में Parimatch.com पर आरोप था कि उसने ऑनलाइन बेटिंग के जरिए यूजर्स को हाई रिटर्न का लालच देकर ठगा और सिर्फ एक साल में 3000 करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू बनाया. जांच में सामने आया कि Parimatch यूजर्स से ली गई रकम को अलग-अलग फेक अकाउंट के जरिए घुमा-फिरा कर बाहर भेजता था.

हवाला ऑपरेटर्स ने UK-बेस्ड कंपनी के वर्चुअल वॉलेट में ट्रांसफर किए पैसेतमिलनाडु के एक मामले में सामने आया कि यहां यूजर्स का पैसा फेक अकाउंट में जमा हुआ, फिर कैश में निकाला गया और हवाला ऑपरेटर्स को दे दिया गया. हवाला ऑपरेटर्स ने ये पैसा UK-बेस्ड कंपनी के वर्चुअल वॉलेट में डाला और फिर उससे USDT क्रिप्टो खरीदी गई. जो Parimatch एजेंट्स के कंट्रोल में थी.

वेस्टर्न इंडिया के एक केस की बात करें तो यहां Parimatch ने Domestic Money Transfer एजेंट्स का इस्तेमाल किया. इनके फेक अकाउंट में आया पैसा, फेक क्रेडिट कार्ड से Parimatch एजेंट्स को भेजा जाता था. सिर्फ एक जगह से 1200 से ज्यादा क्रेडिट कार्ड बरामद हुए. ED को ये भी पता चला कि जिन पेमेंट कंपनियों का Payment Aggregator लाइसेंस RBI ने रिजेक्ट कर दिया था, उन्होंने Parimatch को Technology Service Provider के रूप में सर्विस दी.

API के जरिए किया गया खेलइन कंपनियों ने अपने API के जरिए Parimatch एजेंट्स को फेक अकाउंट से कनेक्ट कर दिया. ये अकाउंट्स ई-कॉमर्स या पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनियों के नाम से खोले गए थे. यहां से पैसे को UPI ट्रांसफर के जरिए कलेक्ट कर, ई-कॉमर्स रिफंड, चार्जबैक या वेंडर पेमेंट के नाम पर बाहर ट्रांसफर कर दिया जाता था, जिससे असली ट्रांजैक्शन का पता ना चल सके.

Parimatch ने भारत में अपनी पहचान बढ़ाने के लिए स्पोर्ट्स टूर्नामेंट स्पॉन्सर किए और कई मशहूर सेलिब्रिटीज के साथ पार्टनरशिप की. यहां तक कि “Parimatch Sports” और “Parimatch News” के नाम से इंडियन कंपनियां बनाकर सरोगेट एडवर्टाइजमेंट चलाए गए. इन एजेंसियों को पेमेंट फॉरेन इनवर्ड रेमिटेंस से की गई. ED का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है और आगे और भी बड़े खुलासे हो सकते है.

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