ED Action In Fraud Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 9.39 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है. इस मामले में अब तक जब्त की गई कुल संपत्ति का मूल्य 105.59 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

ईडी के मुंबई जोनल ऑफिस ने यह कार्रवाई शेरोन बायो मेडिसिन लिमिटेड (Sharon Bio Medicine Ltd.) और अन्य आरोपियों के खिलाफ चल रही जांच के तहत की है. जांच में सामने आया कि इस कंपनी और उससे जुड़े लोगों ने बैंकों से करोड़ों रुपये का लोन लिया और फिर पैसों को अन्य फर्जी कंपनियों में घुमाकर मनी लॉन्ड्रिंग की.

कैसे हुआ घोटाला?सूत्रों के मुताबिक शेरोन बायो मेडिसिन लिमिटेड और इसके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों से कर्ज लिया और फिर पैसों का गलत इस्तेमाल किया. कंपनी ने जानबूझकर अपने वित्तीय दस्तावेजों में हेरफेर कर लोन लिया और फिर रकम को इधर-उधर निवेश कर दिया. जब बैंक को रकम वापस नहीं मिली, तब यह मामला सामने आया और ईडी ने अपनी जांच शुरू की.

अब तक क्या हुई कार्रवाई?• ईडी ने पहले भी इस केस में कई संपत्तियों को जब्त किया था और अब तक कुल 105.59 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की जा चुकी हैं.• जांच के दौरान ईडी को पता चला कि इन संपत्तियों को लोन के पैसे से खरीदा गया था.• अब इन संपत्तियों की जांच होगी और कोर्ट के आदेश के बाद इन्हें जब्त किया जा सकता है.

क्या होगा आगे?ईडी इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों की भी जांच कर रही है. इस मामले में कई और संपत्तियों के सामने आने की संभावना है. अगर आरोप साबित होते हैं, तो कंपनी के मालिक और अन्य आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई होगी और उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है.

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