प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने (12 मार्च, 2025) को पटना स्थित विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल की है. यह शिकायत जवाहर लाल शाह और दो सहकारी समितियों- महुआ जॉइन्ट लाइबिलिटी ग्रुप डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव सोसाइटी और महुआ डेयरी डेवलपमेंट एवं प्रोसेसिंग सेल्फ-सपोर्टिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी के खिलाफ दर्ज की गई है. इन पर आरोप है कि ये धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में शामिल रहे हैं. अदालत ने इस चार्जशीट का संज्ञान (18 मार्च, 2025) को ले लिया है.

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क्या है मामला?ईडी की जांच में सामने आया कि जवाहर लाल शाह और उनकी सहकारी समितियों ने अवैध तरीकों से भारी रकम जुटाई और उसे अलग-अलग खातों में घुमाया, ताकि असली स्रोत छिपाया जा सके. इस मामले में शाह और उनकी संस्थाओं पर लोगों से धोखाधड़ी करने और काले धन को सफेद बनाने के गंभीर आरोप हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इससे पहले भी शाह की संपत्तियों को जब्त किया था.

कैसे हुआ घोटाला?सूत्रों के अनुसार, जवाहर लाल शाह ने बिहार में सहकारी समितियों के नाम पर किसानों और पशु पालकों से पैसा जमा करवाया और उन्हें अच्छे मुनाफे का लालच दिया लेकिन बाद में यह पैसा दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया. जब लोगों ने अपना पैसा वापस मांगना शुरू किया, तब घोटाले का पर्दाफाश हुआ.

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ईडी की कार्रवाई जारीप्रवर्तन निदेशालय की इस मामले में लगातार जांच चल रही है और अन्य संदिग्ध लोगों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है. अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो जवाहर लाल शाह और इन सहकारी समितियों से जुड़े लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है.बीते कुछ सालों से ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में तेजी से कार्रवाई कर रही है. साल 2025 में धोखाधड़ी के दर्जनों मामलों की जांच कर ईडी ने करोड़ों की संपत्ति जब्त की है.

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