ED Charge Sheet: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार (09 जनवरी) को दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की भर्ती और संपत्तियों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फाइल कर दी है. ये अनियमितताएं उस वक्त पाईं गईं थीं जब आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अमानतुल्ला खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे.


मामले में ईडी ने राउज़ ऐवन्यू कोर्ट में 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. ईडी ने चार्जशीट मेंज़ीशान हैदर, दाऊद नासिर, जावेद इमाम सिद्दकी, कौसर इमाम सिद्दीकी और एक कंपनी को आरोपी बनाया. राउज़ ऐवन्यू कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले में 12 जनवरी को सुनवाई करेगा. दिल्ली विधानसभा में ओखला के विधायक अमानतुल्ला को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है.


पिछले साल अक्टूबर के महीने में की थी छापेमारी


जांच एजेंसी ने पिछले साल अक्टूबर के महीने में अमानतुल्ला खान और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ छापेमारी के बाद दावा किया था कि आप विधायक ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती से नकद में ‘अपराध की भारी कमाई’ अर्जित की और इसे अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया.


रेड मारने के बाद ईडी ने क्या कहा था?


ईडी ने एक बयान में कहा था, “ये तलाशी दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती और साल 2018-2022 के दौरान अमानतुल्ला खान की ओर से बोर्ड की अध्यक्षता के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर अवैध व्यक्तिगत लाभ के संबंध में की गई.”


ये मामला दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों और सीबीआई की एफआईआर के बाद सामने आया था. ईडी ने कहा, अमानतुल्ला खान ने आपराधिक गतिविधियों से नकद में बड़ी रकम अर्जित की और इस नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में अलग-अलग अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया गया. इसमें कहा गया था कि छापे के दौरान भौतिक और डिजिटल सूबत के रूप में कई "अपराधी" सामग्रियां जब्त की गईं, जो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में खान की भूमिका का "संकेत" देती हैं.


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