नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि उसने हीरा कारोबारी नीरव मोदी की 329.66 करोड़ रुपये की संपत्ति भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून के तहत जब्त की है. यह इस कानून के तहत संपत्तियों को जब्त करने का देश में पहला मामला है. नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार भारतीय अदालतों के न्याय क्षेत्र से बाहर रहकर कानून की प्रक्रिया से बचने वाले आर्थिक अपराधियों पर लगाम कसने के मकसद से 2018 में यह कानून लाई थी.


मुंबई, लंदन, जैसलमेर, यूएई में जब्त संपत्ति


नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुंबई में पीएनबी की एक शाखा में कथित रूप से दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के सिलसिले में धन शोधन के आरोपों पर ईडी की जांच चल रही है.


केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘जब्त संपत्तियों में मुंबई के वर्ली में समुद्र महल नामक भव्य इमारत में चार फ्लैट, समुद्र के किनारे एक फार्म हाउस और अलीबाग में जमीन, जैसलमेर में एक पवन चक्की, लंदन में एक फ्लैट, संयुक्त अरब अमीरात में आवासीय फ्लैट तथा शेयर और बैंक में जमा राशि है.’’


मुंबई की एक विशेष अदालत ने आठ जून को ईडी को संपत्तियों को जब्त करने के लिए अधिकृत किया था. नीरव मोदी को इसी अदालत ने पिछले साल पांच दिसंबर को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था. ईडी ने कहा कि उसने भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून, 2018 के तहत 329.66 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है जो अब केंद्र सरकार के पास जब्त है.


सरकारी खजाने में जमा होती है राशि


भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत जब्त की गयी संपत्ति को आदेश जारी होने के 90 दिन बाद नीलामी के लिए रखा जा सकता है और इससे प्राप्त होने वाली राशि को सरकारी खजाने में जमा किया जाता है. प्रवर्तन निदेशालय ऐसी संपत्तियों पर कुर्की का नोटिस भी चस्पां करता है.


एजेंसी अब तक धनशोधन रोकथाम कानून के तहत नीरव मोदी की 2,348 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है. नीरव मोदी (49) ब्रिटेन की एक जेल में बंद है. उसे मार्च, 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह इस समय भारत प्रत्यर्पित किये जाने के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है.


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