प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार (8 नवंबर, 2025) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने PFI से जुड़ी 8 संपत्तियों को अटैच किया है, जिनकी कीमत 67.03 करोड़ रुपये बताई गई है. ये सभी प्रॉपर्टी PFI और उसके राजनीतिक संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़ी बताई जा रही हैं.
ED के मुताबिक, ये प्रॉपर्टी अलग-अलग ट्रस्टों और संस्थाओं के नाम पर खरीदी गई थी, लेकिन असल में इनका फायदा और कंट्रोल PFI के पास ही था. इससे पहले भी ED ने PFI की करीब 62 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी. इस तरह अब तक इस केस में कुल 129 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.
ईडी की जांच में क्या हुआ खुलासा?
ED की जांच में सामने आया है कि PFI और SDPI के नेताओं ने भारत और विदेशों खासकर गल्फ देशों से पैसे जुटाए. ये रकम बैंकिंग चैनलों, हवाला और डोनेशन के जरिए आई. ये फंड देश में हिंसक और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किए गए. ED के मुताबिक, इन पैसों से भारत में इस्लामिक नेशन बनाने की साजिश रची जा रही थी, जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा थी.
ईडी की जांच में ये भी सामने आया कि SDPI, PFI का राजनीतिक विंग था. SDPI के ज्यादातर फैसले PFI के लोग लेते थे चाहे वो उम्मीदवार तय करना हो, फंडिंग करना हो या प्रचार कार्यक्रम का आयोजन करना हो. PFI ने SDPI के कई खर्च अपने रिकॉर्ड में नहीं दिखाए. बल्कि इन्हें गुप्त डायरी में दर्ज किया जाता था ताकि किसी को पता ना चले.
ED ने किन ट्रस्टों और संगठनों की संपत्ति को किया अटैच
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जिन ट्रस्टों और संगठनों की संपत्ति अटैच की है, उनमें-
- Green Valley Foundation
- Alappuzha Social Cultural & Education Trust
- Pandalam Educational and Cultural Trust, Pathanamthitta
- Islamic Centre Trust, Wayanad
- Haritham Foundation, Malappuram
- Periyar Valley Charitable Trust, Aluva
- Vallavunad Trust, Palakkad
- Social Democratic Party of India (SDPI), Trivandrum शामिल है. इन संपत्तियों की कुल कीमत 67.03 करोड़ रुपये है.
छापेमारी अभियान में ईडी के हाथ लगे कौन से सबूत
ईडी की छापेमारी में PFI के कई सीक्रेट रिकॉर्ड और डायरी मिली है. इनमें हर प्रॉपर्टी का पूरा ब्यौरा जैसे सर्वे नंबर, गांव, तहसील, डिस्ट्रिक्ट, सेल डीड वैल्यू और मार्केट वैल्यू दर्ज था. PFI इन संपत्तियों का इस्तेमाल फिजिकल एजुकेशन (PE) क्लासेज के नाम पर हथियारों की ट्रेनिंग देने के लिए कर रहा था. PFI के PE क्लासेज में हिंसक गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाती थी, ताकि सदस्यों को जिहादी एजेंडा के लिए तैयार किया जा सके.
अब तक मामले में ईडी ने की 28 लोगों की गिरफ्तारी
ईडी अब तक इस मामले में PFI और SDPI के 28 नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें SDPI के नेशनल प्रेसिडेंट एम. के. फैज़ी, कई चेयरमैन, जनरल सेक्रेटरी और फिजिकल एजुकेशन को-ऑर्डिनेटर शामिल है, जो सदस्यों को ट्रेनिंग देते थे.
PFI की जड़ें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़ी बताई जा रही है. पीएफआई के कई वरिष्ठ सदस्य पहले SIMI से जुड़े थे. बाबरी मस्जिद मामले के बाद जब जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगा, तब उसके कुछ लोगों ने नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) और बाद में PFI बनाई. ईडी ने कहा है कि अभी जांच जारी है और आगे और संपत्तियां और नाम सामने आ सकते हैं.
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