प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (12 नवंबर, 2025) को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और ठाणे जिले में 13 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. मुंबई में यह छापेमारी की कार्रवाई वर्ली और डोंबिवली समेत कई जगहों पर की गई. मामला पूर्व लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड (अब मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड) के निदेशक राजेंद्र लोढ़ा से जुड़े 85 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस का है.

Continues below advertisement

ED की जांच में क्या हुआ खुलासा

सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी की यह कार्रवाई लोढ़ा डेवलपर्स की ओर से दर्ज कराई गई एक एफआईआर के आधार पर की गई है. FIR में आरोप लगाया गया है कि राजेंद्र लोढ़ा ने साल 2013 से 2025 के बीच अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कंपनी को करीब 85 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया. यह नुकसान कथित तौर पर अनाधिकृत जमीन सौदों, कम कीमत पर प्लॉट बेचने और फर्जी खरीददारी के जरिए किया गया.

Continues below advertisement

मामले में 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने इस मामले को लेकर कहा कि छापेमारियों का मकसद कथित अपराध से हुई कमाई का पता लगाना और उन इकाइयों की पहचान करना है, जो इन संदिग्ध लेन-देन में शामिल हो सकती हैं.

राजेंद्र लोढ़ा को इससे पहले मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सितंबर महीने में इसी मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में कुल 10 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज है, जिनमें राजेंद्र लोढ़ा का नाम भी शामिल है.

ईडी की टीमों ने रात तक छापेमारी की कार्रवाई को दिया अंजाम

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की सभी टीमें मंगलवार (11 नवंबर, 2025) की देर शाम तक मुंबई के वर्ली, डोंबिवली और ठाणे स्थित आवासीय और व्यावसायिक ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाती रहीं. एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, यह जांच अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में चल रही है ताकि धन की हेराफेरी के सबूत और उससे खरीदी गई संपत्तियों का स्पष्ट रूप से पता लगाया जा सके.

यह भी पढ़ेंः Delhi Car Blast: आदिल अहमद को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, पढ़ें साथ काम करने वाले डॉक्टर ने क्या-क्या बताया