मुंबई स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जोनल यूनिट ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत 25 और 26 नवंबर 2025 को पुणे में बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान ED ने वाहन लोन धोखाधड़ी मामले से जुड़े 12 आवासीय और कार्यालय परिसरों पर छापे मारे. ये सभी ठिकाने SBI के लोन बॉरोअर्स, कुछ कार डीलर्स और बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर से जुड़े बताए जा रहे हैं.

Continues below advertisement

यह कार्रवाई उन FIRs के आधार पर शुरू हुई, जो CBI ACB पुणे और शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन द्वारा IPC, 1860 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act), 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थीं.

जांच के अनुसार, 2017 से 2019 के बीच SBI यूनिवर्सिटी रोड ब्रांच, पुणे में तैनात मुख्य प्रबंधक अमर कुलकर्णी ने अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग किया और SBI के ऑटो लोन काउंसलर आदित्य सेठिया व कुछ उधारकर्ताओं के साथ मिलकर बैंक को भारी चूना लगाया. आरोप है कि उन्होंने मिलकर हाई-वैल्यू कार लोन को फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर मंज़ूर कराया.

Continues below advertisement

फर्जी तरीके से लिया लोनED की जांच में सामने आया कि उधारकर्ताओं ने नकली कागज़ात जमा कर हाई-वैल्यू कार लोन लिया. अमर कुलकर्णी ने बैंक की लेंडिंग पॉलिसी के खिलाफ जाकर बिना सत्यापन फर्जी लोन दस्तावेज़ों को गलत तरीके से प्रोसेस और रिकमेंड किया. कई मामलों में लोन राशि बढ़ाने के लिए फर्जी और इन्फ्लेटेड कार कोटेशन लगाए गए. झूठे दस्तावेजो के आधार पर लोन स्वीकृत कराया गया.

बड़ी लग्जरी कारें फर्जी तरीके से खरीदीछापेमारी में यह भी पता चला कि BMW, Volvo, Mercedes, Land Rover जैसी कई लग्जरी कारें भी इन्हीं फर्जी लोन के माध्यम से खरीदी गई थीं. इसमें लोन एजेंट और SBI ब्रांच मैनेजर की मिलीभगत की पुष्टि हुई है. ED ने तलाशी के दौरान अहम दस्तावेज़, डिजिटल डेटा और अन्य प्रमाण अपने कब्जे में लिए हैं. आगे की जांच जारी है.