प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने क्रेडिटबुल्स इन्वेस्टमेंट (M/s Creditbulls Investments) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए धवल सोलानी और उनके परिवार की 1.09 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है. यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है.

क्या है पूरा मामला?धवल सोलानी जो क्रेडिटबुल्स इन्वेस्टमेंट के प्रमुख हैं, उन पर वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने का आरोप है. ईडी अहमदाबाद जोनल ऑफिस ने इस मामले की गहन जांच के बाद यह कार्रवाई की है. सूत्रों के अनुसार, क्रेडिटबुल्स इन्वेस्टमेंट ने निवेशकों को लुभावने रिटर्न का लालच देकर भारी निवेश करवाया लेकिन बाद में यह मामला धोखाधड़ी और वित्तीय गड़बड़ी का बन गया. जब निवेशकों ने अपने पैसे वापस मांगे तो उन्हें टालमटोल किया गया.

ईडी की कार्रवाई में क्या हुआ?ईडी ने जांच के दौरान पाया कि धवल सोलानी और उनके परिवार के पास अचल (immovable) और चल (movable) संपत्तियां हैं, जिनकी कुल कीमत 1.09 करोड़ रुपये आंकी गई है. इसी के मद्देनजर ईडी ने इन संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया.

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कार्रवाईयांईडी इससे पहले भी कई फर्जी निवेश कंपनियों और वित्तीय घोटालों में शामिल लोगों पर कार्रवाई कर चुकी है. कई मामलों में निवेशकों के पैसे डूबने के बाद जांच एजेंसियों को दखल देना पड़ा है.

आगे क्या होगा?• ईडी अब इस मामले में धन के स्रोत और लेन-देन के रूट की जांच करेगी.• यह देखा जाएगा कि क्या अन्य कंपनियों या व्यक्तियों की भी इस घोटाले में संलिप्तता है.• यदि आरोप पुख्ता पाए जाते हैं तो आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी और संपत्तियों को स्थायी रूप से जब्त किया जा सकता है.

निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरतयह मामला फर्जी निवेश योजनाओं के बढ़ते मामलों की ओर भी इशारा करता है. निवेशकों को कोई भी पैसा लगाने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए और केवल मान्यता प्राप्त संस्थानों में ही निवेश करना चाहिए. ईडी की इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि गलत तरीके से कमाए गए पैसे पर सरकार की सख्त नजर है और धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

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