हैदराबाद की ED टीम ने फेक ई-कॉमर्स साइट्स और फर्जी मोबाइल ऐप्स के जरिए चल रहे साइबर फ्रॉड मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ED ने 92 बैंक अकाउंट्स से जुड़े 8.46 करोड़ रुपए को अटैच कर दिया है, जिनमें CoinDCX और कुछ क्रिप्टो वॉलेट भी शामिल हैं. यह कार्रवाई PMLA कानून के तहत की गई है.
ED की जांच में पता चला कि देश भर में कई FIR दर्ज हुई थीं, जिनमें ऑनलाइन ठगी का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया. स्कैमर लोगों को WhatsApp, Telegram और SMS के जरिए संपर्क करते थे और उन्हें पार्ट-टाइम जॉब, इन्वेस्टमेंट ऐप या ई-कॉमर्स टास्क के नाम पर कमाई का झांसा देते थे. लोगों को NBC App, HPZ Token, RCC App, Power Bank App, Making App जैसे फर्जी प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाने को कहा जाता था. शुरू में इन्हें थोड़ा-बहुत पैसा वापस कर दिया जाता था ताकि भरोसा बन जाए, लेकिन जब लोग ज्यादा रकम डालते थे तो विथड्रॉल फेल होने लगते थे.
यूजर्स को देते थे धमकी
फ्रॉड करने वाले यूजर्स को कहते थे कि टैक्स या दूसरी फीस दो. पैसा न होने पर ऐप और वेबसाइट अचानक बंद हो जाते थे. अकाउंट डीएक्टिवेट हो जाते थे और सपोर्ट नंबर गायब हो जाते थे. जांच में सामने आया कि इस स्कैम से 285 करोड़ रुपए कमाए गए. यह पैसा पहले 30 से ज्यादा बैंक अकाउंट्स में डाला गया. फिर 1 से 15 दिन के अंदर 80 से ज्यादा दूसरे अकाउंट्स में भेज दिया जाता था ताकि पकड़ में न आए. काफी पैसा क्रिप्टोकरेंसी, खासकर USDT (Tether) में बदल दिया गया और कुछ पैसा हवाला के जरिए भारत में ही घुमा दिया गया.
स्कैम करने वालों का तरीका
ED का कहना है कि स्कैम करने वाले Binance P2P पर USDT खरीदते थे और इसमें third-party payments का इस्तेमाल होता था. जांच में यह भी पाया गया कि 4.81 करोड़ रुपए के USDT को CoinDCX के जरिए बिना KYC वाले अकाउंट्स से खरीदा गया. वहीं ED की जांच अभी भी जारी है.
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