Amanatullah Khan: आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान से प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को करीब 13 घंटे तक पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि यह पूछताछ खान की अध्यक्षता में दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के मामले में की गई.



अमानतुल्ला दोपहर करीब 11 बजे यहां ईडी कार्यालय पहुंचे और आधी रात के बाद बाहर निकले. ईडी के सूत्रों ने बताया कि उन्हें 13 घंटे की पूछताछ के बाद घर जाने दिया गया है और अगले सप्ताह फिर पेश होने को कहा गया है.   ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले उन्होंने पत्रकारों के सामने दावा किया कि जब वह वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे तो उन्होंने नियमों का पालन किया और कानूनी राय लेने के बाद और 2013 में आए नए अधिनियम (बोर्ड के लिए) के अनुसार कार्य किया.  


आप नेताओं ने अमानतुल्ला की गिरफ्तारी का किया दावा

इससे पहले आप सांसद संजय सिंह, मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज और पार्टी के अन्य नेताओं ने खान के ओखला स्थित आवास जाकर उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. दरअसल, आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा था कि उन्हें खान की गिरफ्तारी की खबर मिल रही है. उन्होंने कहा कि खान के खिलाफ फर्जी मामला है. आतिशी ने कहा, ‘‘हमें खबर मिल रही है कि आप के विधायक अमानतुल्लाह खान जी को गिरफ्तार कर लिया गया है.’’

आप नेता जसमीन शाह ने दावा किया कि खान को ‘‘फर्जी’’ मामले में ‘‘गिरफ्तार’’ किया गया. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आप विधायक अमानतुल्लाह खान की फर्जी मामले में गिरफ्तारी भाजपा और उसकी पालतू एजेंसियों के लिए एक और गिरावट है. देश और अदालतें कब तक देखती रहेंगी? भाजपा हर दिन आप को खत्म करने के सपने के साथ उठती है, लेकिन एक भी नेता नहीं झुका. लड़ेंगे, जीतेंगे!’’  


सुप्रीम कोर्ट से लगा था झटका
 
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल के अपने आदेश में खान को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था और विधायक द्वारा ईडी के समन में शामिल न होने पर नाराजगी जताई थी, जिसके बाद ओखला से विधायक खान एजेंसी के सामने पेश हुए थे.   कोर्ट ने उन्हें 18 अप्रैल को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था.  खान के खिलाफ धनशोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से संबंधित है.  


अमानतुल्ला पर क्या आरोप?

ईडी ने दावा किया है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से बड़ी रकम नकद में अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए उस रकम का निवेश किया.खान के परिसरों पर ईडी की छापेमारी भी हो चुकी है. ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और खान की अध्यक्षता (2018-2022) के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर खान ने अवैध तरीके से लाभ कमाया.  ईडी ने कहा कि खान ने उक्त आपराधिक गतिविधियों से नकद में बड़ी रकम अर्जित की और इस नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया.  इसमें कहा गया था कि छापे के दौरान कई अपराधिक सामग्री जब्त की गई, जो धनशोधन के मामले में खान की भूमिका का संकेत देती है. 


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