प्रवर्तन निदेशालय (ED) की झारखंड की टीम ने सोमवार (18 अगस्त, 2025) को झारखंड टाइगर ग्रुप के सरगना माने जाने वाले अंकित राज के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की. ईडी ने कार्रवाई करते हुए अंकित राज की 30 से ज्यादा चल-अचल संपत्तियां अटैच कर दी हैं. जिनकी कुल वैल्यू करीब 3.02 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

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ईडी ने ये जांच झारखंड पुलिस की 16 FIRs के आधार पर शुरू की थी. ये FIRs 15 दिसंबर, 2023 को दर्ज की गई थी. झारखंड पुलिस की दर्ज एफआईआरों में वसूली, अवैध बालू खनन, सरकारी काम में बाधा डालना और मिलिटेंट ग्रुप चलाने के आरोप शामिल थे.

प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में कई बार की छापेमारी

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जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 12 और 13 मार्च, 2024 को छापेमारी की थी. इसके बाद 4 जुलाई, 2025 को भी रेड डाली गई. इतना ही नहीं, 18 जुलाई 2025 को झारखंड के हजारीबाग के जिला खनन कार्यालय में भी सर्वे किया गया, जहां से अंकित राज के अवैध बालू कारोबार से जुड़े डॉक्यूमेंट बरामद किए गए.

गवाहों के बयान और खनन विभाग के रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइसेस से मिले सबूतों ने ये साफ कर दिया कि अंकित राज 2019 में सोनपुरा घाट का लाइसेंस खत्म होने के बाद भी हाहरो, प्लांडू और दामोदर नदी से लगातार अवैध रूप से बालू निकालता रहा.

ईडी की जांच में करोड़ों रुपये का काले धन का खुलासा

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में ये भी सामने आया कि अंकित राज और उसके साथियों ने बालू के अवैध खनन, स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन के लिए मल्टी-लेयर्ड सिस्टम बना रखा था. इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना और सरकारी नियमों को दरकिनार करना था. इसी से उसने करोड़ों रुपये की ब्लैक मनी बनाई.

ईडी ने बताया कि अब तक इस केस में कुल 3.4 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच और फ्रीज की जा चुकी है और आगे की जांच अभी जारी है.

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