चुनाव आयोग (ईसीआई) ने वोट चोरी मामले को लेकर सोमवार (11 अगस्त, 2025 ) को विपक्षी नेताओं के तथ्य की जांच की, जिन्होंने नेता विपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव आयोग के खिलाफ एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया था. आयोग ने वोट चोरी के आरोपों को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए खारिज कर दिया है.
चुनाव आयोग ने एक्स पर राहुल गांधी द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक स्क्रीनशॉट को पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने विरोध मार्च में शामिल होने वाले इंडिया ब्लॉक के नेताओं को धन्यवाद दिया था. चुनाव आयोग ने इसे भ्रामक करार दिया.
'वोट चोरी' के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाबचुनाव आयोग का यह जवाब लगभग 300 विपक्षी सांसदों द्वारा 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने के कुछ ही घंटों बाद आया. सांसदों ने आयोग पर बीजेपी संग मिलीभगत कर अपने चुनावी लक्ष्यों को साधने का आरोप लगाया है. पुलिस ने मार्च को बीच में ही रोक दिया था, जिस कारण सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई सांसद बैरिकेड्स कूदकर आगे बढ़ गए. हंगामे के दौरान कई प्रमुख विपक्षी नेताओं को हिरासत में भी लिया गया था.
मतदान में धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग ने बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) योजना तैयार करते समय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का दस्तावेज लिंक शेयर किया है. विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि इसमें अनियमितताएं की गई हैं और बीजेपी के इशारे पर जानबूझकर मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं.
चुनाव आयोग ने कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वामदलों (बिहार महागठबंधन के प्रमुख घटक) सहित कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के वीडियो साक्ष्यों के लिंक भी साझा किए. इस बात पर जोर दिया कि शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र को मजबूत करती है.
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