चुनाव आयोग ने पूरे देश में वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की कवायद शुरू कर दी है. इसे अंतिम रूप देने के लिए बुधवार (22 अक्टूबर 2025) को चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. दो दिवसीय यह बैठक सितंबर 2025 के बाद से दूसरी बार हो रही है.

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राज्य के चुनाव आधिकारियों के साथ शुरू हुई बैठक

अधिकारियों ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त एसएस संधु और विवेक जोशी सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. यह बैठक गुरुवार (23 अक्टूबर 2025) तक जारी रहेगी.

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चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों में एक मजबूत राय यह है कि एसआईआर को फेज में आयोजित किया जाना चाहिए, जिसकी शुरुआत उन राज्यों से की जानी चाहिए जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण में और भी राज्य शामिल किए जा सकते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही, जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं या होने वाले हैं वहां इस कवायद को अभी नहीं किया जाएगा, क्योंकि जमीनी स्तर पर चुनाव तंत्र इसमें व्यस्त है और वह एसआईआर पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएगा.

बंगाल समेत इन राज्यों में पहले होगी वोटर लिस्ट की सफाई

असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव साल 2026 में होने हैं. इन पांच राज्यों के अलावा पहले चरण में कुछ अन्य राज्यों में भी एसआईआर कवायद की जा सकती है. बिहार में एसआईआर का काम पूरा हो गया है, जहां 30 सितंबर को लगभग 7.42 करोड़ नामों वाली अंतिम सूची प्रकाशित की गई.

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि सभी राज्यों में मतदाता सूचियों की एसआईआर शुरू करने का काम प्रगति पर है और इसे शुरू करने पर अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग की ओर से लिया जाएगा.

बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा था कि चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में एसआईआर की शुरुआत करते समय अखिल भारतीय एसआईआर की अपनी योजना की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में काम जारी है और तीनों आयुक्त राज्यों की ओर से एसआईआर शुरू करने की तारीखों पर निर्णय लेने के लिए बैठक करेंगे.