नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में दिया कारण बताओ नोटिस को कल रात वापस ले लिया. आयोग ने कहा कि उस प्रावधान की समीक्षा की जा रही है, जिसके तहत उन्हें यह नोटिस दिया गया था.


नोटिस वापस लेते हुए आयोग ने कहा, ‘‘आयोग की राय है कि डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कई गुणा विस्तार के कारण वर्तमान आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 और अन्य संबंधित प्रावधानों की समीक्षा की जरूरत है ताकि इसे वर्तमान की जरूरतों एवं चुनौतियों और भविष्य की स्थितियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके.’’


चुनाव निकाय को शिकायत मिली थी कि मतदान से 48 घंटे पूर्व प्रचार अभियान समाप्त होने का प्रावधान सूचना-प्रौद्योगिकी के युग में कारगर नहीं रह गया है. इसके बाद आयोग ने प्रावधान में संशोधन को लेकर सुझाव देने के लिए एक समिति के गठन का निर्णय किया है.


आज जारी आदेश में कहा गया है कि प्रस्तावित समिति में चुनाव आयोग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, कानून एवं आईटी मंत्रालयों, नेशनल ब्रॉडकॉस्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के सदस्यों को शामिल किया जाएगा.


गुजरात में प्रचार अभियान खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिक्की के बैठक में शामिल होने, राहुल गांधी के टीवी इंटरव्यू और बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र जारी करने को लेकर हुए विवादों के बीच यह आदेश आया है.