Kautilya Economic Conference: चौथे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि आज युद्ध और हथियारों की प्रकृति पूरी तरह बदल गई है. उन्होंने कहा, "हमने अजरबैजान आर्मेनिया, यूक्रेन रूस और इजरायल ईरान जैसे कई संघर्षों में देखा कि 'संपर्क रहित युद्ध' आम हो गए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि ये अक्सर स्टैंडऑफ हथियारों के साथ होते हैं और कभी कभी निर्णायक प्रभाव डाल सकते हैं. इन घटनाओं से पता चलता है कि आज के समय की वैश्विक सुरक्षा बहुत अस्थिर है. साथ ही, कई जगह वैश्वीकरण के खिलाफ भावना बढ़ रही है."
'वैश्विक अर्थव्यवस्था में है जोखिम'
जयशंकर ने कहा कि आज कई घटनाएं एक साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर डाल रही हैं. उन्होंने बताया, "एक ओर ये परिस्थितियां जोखिम लेने को बढ़ावा देती हैं, वहीं इसके परिणामों के कारण राजनीति और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने की कोशिश भी की जा रही है. यह वैसा ही है जैसे झूलने की ऊंचाई बढ़ा दी जाए और सुरक्षा जाल हटा दिया जाए. यही आज अंतरराष्ट्रीय राजनीति की स्थिति है.".
अमेरिका और चीन के संबंधों पर कही ये बात
विदेश मंत्री ने कहा, "भारत के लिए केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करना पर्याप्त नहीं है. हमें अपनी रणनीति को क्षेत्रीय स्तर से आगे बढ़ाकर तैयार करना होगा." डॉ. जयशंकर ने अमेरिका और चीन के संबंधों पर, "यूएस चीन संबंध वैश्विक राजनीति की दिशा तय करेंगे."