हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: हरियाणा विधानसभा चुनाव में वैसे तो सीधी टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही देखी जा रही हैं, लेकिन दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी पहली बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने जा रही है. दुष्यंत चौटाला का संबंध पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के परिवार से है. दुष्यंत चौटाला ने अपने चाचा अभय चौटाला से लंबे झगड़े के बाद पिछले साल दिसंबर में जननायक जनता पार्टी का गठन किया. हरियाणा की सभी 90 सीटों पर दुष्यंत चौटाला की पार्टी अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी.
मुश्किल हालात में राजनीति में रखा कदम
दुष्यंत चौटाला ने उस वक्त राजनीति में कदम रखा जब इंडियन नेशनल लोकदल अपने बुरे हालात से गुजर रही थी. हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल को 2005 और 2009 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का एक भी कैंडिडेंट जीत दर्ज नहीं कर पाया. 2013 की शुरुआत में इंडियन नेशनल दल के मुखिया ओम प्रकाश चौटाला और उनके बड़े अजय चौटाला जेबीटी घोटाले में जेल जाना पड़ा.
अजय चौटाला हिसार से चुनाव लड़ा करते थे. इसलिए 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय चौटाला के बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला को हिसार से लोकसभा चुनाव में टिकट दिया गया. 25 साल की उम्र में दुष्यंत चौटाला ने जीत दर्ज की, बल्कि 16वीं लोकसभा के सबसे युवा सांसद भी चुने गए.
सांसद बनने के बाद दुष्यंत की पार्टी पर पकड़ मजबूत होने लगी. 2014 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने उचाना से विधानसभा चुनाव भी लड़ा. हालांकि इस चुनाव में दुष्यंत चौटाला को पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
इसलिए बढ़ी मुश्किलें
अजय चौटाला के जेल जाने के बाद पार्टी की पूरी कमान उनके छोटे भाई अभय चौटाला के हाथ में आ गई थी. 2018 में चाचा से लंबी लड़ाई के बाद दुष्यंत चौटाला ने अपने रास्ते अलग कर लिए और जननायक जनता पार्टी का गठन किया. दुष्यंत चौटाला ने आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था. दुष्यंत चौटाला की पार्टी को पहले चुनाव में 7 फीसदी वोट तो मिले, पर दुष्यंत अपनी सीट नहीं बचा पाए और उन्हें हिसार से हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी और जेजेपी के बीच गठबंधन हुआ. हालांकि यह गठबंधन एक महीने भी नहीं चल पाया और बीएसपी ने अपने रास्ते अलग कर लिए. जेजेपी अब राज्य की 90 सीटों पर दुष्यंत चौटाला के चेहरे पर अकेले ही चुनावी मैदान में है.