एंटी कोविड मेडिसन, 2डीजी बनाने के बाद डीआरडीओ ने अब एंटीबॉडी डिटेक्शन किट बनाने का दावा किया है. डीआरडीओ ने ‘डिपोवैन’ नाम की ये किट दिल्ली की वैनगार्ड लैब के साथ मिलकर तैयार की है. डीआरडीओ का दावा है कि मात्र 75 रूपये की इस किट से कोविड-19 की इपिडोमियोलॉजी और किसी भी इंसान के अंदर सार्स-कोविड के एक्सपोज़र का पता लगाने में मदद मिलेगी.
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाईजेशन (डीआरडीओ) की डीआईपीएएस यानि डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजोयोलॉजी एंड एलाइड साईंसेज़ ने इस डिपोवैन किट का तैयार किया है. डीआरडीओ का दावा है कि इस डिटेक्शन किट से कोविड-19 वायरस के स्पाइक और न्युकिलोकैपसिड, दोनों प्रोटीन का पता लगाने में 97-99 प्रतिशत कामयाबी मिल सकती है. डीआरडीओ के मुताबिक, मात्र 75 मिनट में इस किट से एंटी-बॉडी का पता लगाया जा सकता है.
डीआरडीओ के मुताबिक, इस किट को दिल्ली के कई अस्पतालों में करीब 1000 मरीजों पर परीक्षण किया गया. इसके बाद इसी महीने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने इस डिटेक्शन किट के उत्पादन, बिक्री और वितरण की मंजूरी दी.
डीआरडीओ की इंडस्ट्री-पार्टनर, वैनगार्ड डायग्नोसेस प्राईवेट लिमिटेड इस डिटेक्शन किट का उत्पादन अगले महीने यानि जून से शुरू कर देगी. हर महीने कंपनी करीब 500 किट का उत्पादन करेगी. बाजार में इस किट की कीमत करीब 75 रूपये होगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महामारी के दौरान इस किट के बनाने पर डीआरडीओ और प्राईवेट कंपनी को बधाई दी है.