नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ देश लड़ाई लड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि मिलकर लड़ेंगे तो जंग जीतेंगे. इसी मकसद से पीएम मोदी ने ताली और थाली के बाद दीये, मोमबत्ती जलाने, औऱ घर की लाइट बंद करने के लिए कहा है. पीएम का मकसद एक बार फिर कोरोना के खिलाफ देश को एकता के सूत्र में बांधना है. लेकिन लाइट बंद करने को लेकर देश में राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है.
इस बीच पीएम मोदी की मुहिम को लेकर ABP न्यूज़ ने फेसबुक पर एक सर्वे किया है. सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई है कि क्या पीएम मोदी के कहने पर एक बार फिर देश दीये जलाने के लिए एकजुट होगा? और जवाब में 74% लोगों ने इस मुहिम का समर्थन किया है. वहीं 26% लोग ऐसे हैं जो इस मुहिम का समर्थन नहीं करते हैं. इस सर्वे में दो लाख 14 हजार से ज्यादा लोगों ने वोट किया.
बता दें कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपील की है कि 5 अप्रैल यानी कि रविवार की रात 9 बजे देशभर के लोग 9 मिनट के लिये अपने घरों की बत्तियां बंद कर दें और उसके बदले में दिये या फिर मोमबत्ती जलाएं.
लेकिन घर की लाइट बंद करने को लेकर देश में एक विवाद शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि लाइट बंद की तो पावर ग्रिड फेल हो जाएगा. मतलब देश की बिजली सप्लाई ही ठप हो जाएगी. हालांकि पावर ग्रिड विवाद पर बिजली मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट की है. बिजली मंत्रालय और पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कहा कि चिंता की बात नहीं है, पूरी तैयारी है. कल रात 9 बजे बिजली बंद होने पर पावर ग्रिड फेल नहीं होंगे.
बिजली मंत्रालय ने कहा है कि पीएम मोदी ने स्वेच्छा से लाइट बंद करने की बात कही है. य़े समझना गलत है कि इससे पावर ग्रिड फेल हो जाएगा और इलेक्ट्रिक उपकरण पावर फैल्चुएशन से खराब हो जाएंगे. बिजली मंत्रालय ने कहा है कि रात 9 बजे से 9 मिनट तक स्ट्रीट लाइट ऑन रहेगी. घर में कम्प्यूटर, टीवी, पंखे, फ्रिज, एसी चलेंगे. इनको बंद रखने की बात नहीं है. अस्पताल, पुलिस स्टेशन समेत जरूरी जगहों पर लाइट ऑन रहेगी.