Delhi Metro Rail Corporation: दिल्‍ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्‍सप्रेस लिमिटेड से जुड़े एक मामले में दिल्‍ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने सुप्रीम कोर्ट में क्‍यूरेटिव पिटीशन दायर कर अदालत के ही एक फैसले को पलटने की मांग की है. इस केस में मेट्रो एक्‍सप्रेस को जीत मिली थी. मामले में कोर्ट ने डीएमआरसी से दिल्‍ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्‍सप्रेस को 4700 करोड़ रुपये का भुगतान करने का फैसला सुनाया था.


हालांकि, डीएमआरसी ने इस रकम का भुगतान नहीं किया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले खिलाफ याचिका दाखिल कर दी, लेकिन दिल्‍ली मेट्रो को सुप्रीम कोर्ट ने राहत नहीं दी. भुगतान की जाने वाली राशि अब सूद समेत तकरीबन 9000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.


कोर्ट के फैसले को पलटने की मांग
इसके चलते डीएमआरसी ने एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और क्‍यूरेटिव पिटीशन दायर की और 2021 में दिए कोर्ट के फैसले को पलटने की मांग की. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट में सुनवाई को दौरान दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्‍सप्रेस की ओर से वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता हरीश साल्‍वे पेश हुए. 


साल्‍वे ने डीएमआरसी की क्‍यूरेटिव पीटिशन का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से अर्जी पर विचार न करने की मांग की. हरीश साल्‍वे ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पीठ के सामने दलील देते हुए कहा कि इस मामले में क्‍यूरेटिव पिटीशन दायर करने का कोई औचित्‍य नहीं है. लिहाजा, इस याचिका को खारिज कर दिया जाए. 


5 जजों की पीठ गठित करने का आदेश
हालांकि, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने डीएमआरसी की अर्जी को स्‍वीकार करते हुए 5 जजों की पीठ गठित करने का आदेश दिया. सीजेआई ने डीएमआरसी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आमतौर पर क्‍यूरेटिव पिटीशन की सुनवाई में उन दो जजों को बैठना होता है, जिन्‍होंने पूर्व में फैसला सुनाया है, लेकिन इस मामले में फैसला सुनाने वाले दोनों जज रिटायर्ड हो चुके हैं, ऐसे में मामले की सुनवाई पांच जजों की पीठ करेगी.


क्या है मामला?
बता दें कि दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्‍सप्रेस लिमिटेड 2013 तक दिल्‍ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्‍सप्रेस लाइन को संचालित करती थी. बाद में डीएमआरसी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दिल्‍ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्‍सप्रेस का कॉन्‍ट्रैक्‍ट रद्द कर दिया. इसके बाद दोनों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो गई.


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