नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिव्यांगों को सिर्फ नौकरी पाने में ही नहीं, प्रमोशन में भी आरक्षण पाने का अधिकार है. जस्टिस संजय किशन कौल और आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने यह कहते हुए एक मामले में केरल सरकार की अपील को खारिज कर दिया. राज्य सरकार हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.


SC ने HC के फैसले को 'सलाम करने लायक' करार दिया


सुप्रीम कोर्ट ने शारीरिक रूप से अक्षम कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के हाई कोर्ट के फैसले को 'सलाम करने लायक' करार दिया. कोर्ट ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया कि वह लीसम्मा जोसफ बनाम केरल सरकार मामले में दिए गए हाई कोर्ट के इस आदेश को 3 महीने में लागू करे.


राज्य सरकार का बयान


राज्य सरकार का कहना था कि 1992 में इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार मामले में आया सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला प्रमोशन में आरक्षण की मनाही करता है. जजों ने इस दलील को खारिज कर दिया. उन्होंने राजीव कुमार गुप्ता बनाम भारत सरकार मामले में 2016 में आए सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच के फैसले का हवाला दिया.


पर्सन्स विद डिसेबिलिटी एक्ट में भी दिव्यांगजनों के लिए विशेष इंतजाम


उस फैसले में यह कहा गया था कि दिव्यांग कर्मचारियों के प्रमोशन में 1992 का इंदिरा साहनी फैसला लागू नहीं होता. 1995 के पर्सन्स विद डिसेबिलिटी एक्ट में भी दिव्यांगजनों के लिए विशेष इंतजाम की बात कही गई है.


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