Dhirendra Shastri Exclusive Interview: पिछले कुछ दिनों से बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री काफी चर्चा में हैं. कोई उनको चमत्कारी कह रहा है तो कुछ लोग उन पर सवाल भी उठा रहे हैं. अपने ऊपर लग रहे तमाम आरोपों पर धीरेंद्र शास्त्री ने ABP न्यूज से खुलकर बात की. ABP न्यूज से बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "हमारे पीछे बालाजी हैं और उनकी खोज उनकी सामार्थ्य में है."
जब उनसे पूछा गया कि आपको कोई पहले से जानकारी तो नहीं दे देता है तो उन्होंने कहा, "यदि आपके पास कोई जानकारी देने वाला व्यक्ति हो तो आप भी दरबार शुरू करो." उन्होंने कहा, "हम बहुतों का नाम पुकारते हैं. हम किस-किस की फेसबुक से पता लगाएंगे. किस-किस के बारे में कोई बताएगा. हमारा 11 साल से दरबार लग रहा है. दादागुरु 40 साल तक दरबार लगाते रहे. सन्यासी बाबा के समय से दरबार लग रहा है. हनुमान जी की जो अष्ट सिद्धियां हैं, उनका प्रत्यक्ष बागेश्वर धाम है."
धीरेंद्र शास्त्री के पीछे कौन है?
शक्तियों से जुड़े सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "हम तो केवल बालाजी के दास हैं. न तो हमने कभी ये कहा कि हम तो ईश्वर हैं न तो ये कहा कि हम चमत्कारी हैं और ये भी नहीं कहते कि कुछ हैं हम. जो आम इंसान है, हम वो हैं. जैसे भी हैं अपने हनुमान जी के हैं, बागेश्वर बालाजी के हैं. प्रभु कृपा से इतनी ताकत है. गुरु कृपा से ये सबकुछ होता है." उन्होंने कहा, "बागेश्वर बालाजी का ध्यान करके और गद्दी पर बैठकर सामने वाले की जानकारी हो जाती है. दादागुरु का ध्यान करते हैं तो हो जाता है. इसका कोई टाइम नहीं है. बस दादागुरु और बालाजी से आज्ञा लेनी होती है. वो कृपा कर देते हैं."
जादूगरों से कितना अलग हैं धीरेंद्र शास्त्री?
जादूगरों पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "कला और दरबार में जमीन और आसमान का अंतर होता है. कांच और मणि की आप तुलना नहीं कर सकते हैं. मैजेसियन क्या किसी के दुखों का निवारण कर सके. पेट्रोल और डीजल दोनों लिक्विड हैं, लेकिन दोनों के रेट में काफी अंतर है. सामान्य पानी और बिसलेरी पानी की कीमत में अंतर है. अध्यात्म शक्ति और ऋषियों की वैदिक परंपरा की तुलना कला से नहीं की जा सकती है. हमारी कोई कला नहीं, कृपा है." उन्होंने कहा, "आरोप लगाने वालों ने भगवान राम को भी नहीं छोड़ा, हमें क्यों छोड़ेंगे. जगह-जगह दरबार लगता है हम कहां तक लोग लगाएंगे."
आरोप लगाने वालों पर क्या बोले?
आरोप लगाने वालों पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "लोग तो मीडिया पर भी आरोप लगाते हैं. आप यदि पक्ष में दिखाएंगे तो लोग आपको गोदी मीडिया कहेंगे. आप विरोध में दिखाएंगे तो लोग आपको वामपंथी या दूसरी विचारधारा का कहेंगे. जनता के पक्ष से हमें मतलब नहीं. हमें सनातन से मतलब है. इसे मंत्र चिकित्सा कहते हैं. अब कौन क्या कह रहा है? किसको मिर्ची लग रही? कौन-किससे तुलना कर रहा है? पौंड्रक भी खुद की भगवान कृष्ण से तुलना करता था. ये पौंड्रक वाले लोग हैं."
धीरेंद्र शास्त्री की तरह और कितने लोग हैं?
क्या और भी लोग इस तरह से पर्चा लिख सकते हैं? इस सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "उसके बारे में हमें खबर नहीं है. हमारी जानकारी में पंडोखर सरकार ऐसा कर लेते हैं. उनसे एकबार मिले भी हैं. वह बागेश्वर धाम भी आने वाले हैं." उन्होंने आगे कहा, "हम ऐसा नहीं कहते कि ये सिर्फ हम कर सकते हैं. भारत ऋषियों का देश है. लाखों ऋषि इससे बेहतर कर सकते हैं. ऋषि परंपरा को मानने वाला कर सकता है. हमने कभी प्रदर्शन नहीं, दर्शन करवाया. हमारे सनातन धर्म पर जो उंगली उठाते थे, उनके मुंह पर उनके शहर में जाकर तमाचा मारकर बताया है कि दम है तो सामना करो."
चैलेंज देने वालों को दिया यह जवाब
चैलेंज के सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "उन्होंने कोई कागज नहीं भेजा, कोई व्यक्ति नहीं भेजा. हमने भी चैलेंज किया था. अपने प्रदेश में नहीं, छत्तीसगढ़ में किया था. अभी आ जाएं. वो अपना न्यूट्रल सेटअप लगा लें. जंगल में सेटअप लगा लें. हम चले जाएंगे." उन्होंने कहा, "भगवान की कृपा है तभी तो लाखों लोगों ने विरोध किया लेकिन कुछ बिगाड़ नहीं पाए. ये भगवान की कृपा नहीं तो क्या है. जो वामपंथी होगा वो भगवान की कृपा को भी कृपा नहीं कहेगा."
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "बालाजी की कृपा से लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं. हमारा इसमें स्वार्थ नहीं, सनातन का हित है. संसार के प्रत्येक व्यक्ति पर बालाजी की कृपा है. हम पर विशेष कृपा है. जिसका गुरु बलवान होता है, चेला पहलवान होता है. हम गौरवान्वित महसूस करते हैं. आगे का प्लान हिंदू राष्ट्र, इसके आगे अखंड भारत. सनातन को लेकर हम बहुत कट्टर हैं. हम तो कहेंगे कि आप भी घर वापसी करो."