कोरोना की दूसरी लहर ने देश में भारी कहर मचाया. दूसरी लहर के दौरान अधिकतर मामलों में कोरोना का डेल्टा वेरिएंट ही पाया गया और सबसे ज्यादा मौत के पीछे भी इस वेरिएंट को जिम्मेवार बताया गया. भारत में ही सबसे पहले यह डेल्टा वेरिएंट पाया गया था. नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी.के. पॉल ने मंगलवार को बताया कि कोरोना का एक अतिरिक्त वेरिएंट 'डेल्टा प्लस' मार्च महीने के आसपास ही पाया गया है.


डेल्टा प्ल्स वेरिएंट अभी चिंताजनक नहीं


उन्होंने बताया कि यह स्वरूप अभी चिंताजनक नहीं है और इसमें हमें इसकी प्रगति पर नजर रखनी होगी. पॉल ने बताया कि यह वेरिएंट यूरोप में मार्च से ही देखा गया और इसे 13 जून को पब्लिक डोमेन में लाया गया था. उन्होंने बताया कि पब्लिक डोमेन में मौजूद आंकड़ों के अनुसार, यह वेरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के उपयोग को नष्ट करता है. पॉल ने कहा कि हम इस वेरिएंट के बारे में और ज्यादा अध्ययन करेंगे ताकि ज्यादा जाना जा सके.


नोवैक्स के आए शानदार नतीजे


डॉक्टर पॉल ने बताया कि नोवैक्स वैक्सीन के बेहतर नतीजे सामने आए हैं. इसके सामने आए डेटा के मुताबिक, यह वैक्सीन काफी सुरक्षित और प्रभावी है. इसका उत्पादन भारत में किया जाएगा. इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है और ट्रायल पूरा करने के लिए एडवांस स्टेज में है. उन्होंने कहा कि नोवैक्स वैक्सीन के प्रोडक्शन में कुछ समय लगेगा. डॉ. पॉल ने आगे कहा कि हम यह उम्मीद कर रहे हैं कि अमेरिकी कंपनी नोवैक्स बच्चों पर भी ट्रायल शुरू कर देगी.


कोरोना की दूसरी लहर की थम रही रफ्तार


स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 7 मई को 4 लाख 14 हजार 188 नए केस आए थे जो अब 60 हजार 471 नए मामले आए हैं. देश के 165 जिलों में 100 से ज्यादा केस आ रहे हैं. जबकि एक्टिव केस यानी जिनका इलाज चल रहा है उसमें भी भारी कमी आई है. एक्टिव केस की संख्या अब 10 लाख से कम हो गई हैं. ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है, जबकि देश में रिकवरी रेट 95.6 फीसदी हो गई है. पॉजिटिविटी दर में भी काफी कमी आई है.


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