नई दिल्ली लाल किला के पास हुए ब्लास्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि पाकिस्तानी हैंडलर को लॉन्ग रेंज की ड्रोन की खेप भारत पहुंचानी थी. इन ड्रोन की रेंज 10 किलो तक वजन उठाने में सक्षम है. इसमें ड्रोन को अलग-अलग पार्ट्स में भारत भेजने की योजना थी. वे किसी दूसरे देश से एक्सपोर्ट कंपनी के जरिए ड्रोन के पार्ट्स भेजने की प्लानिंग में थे. इसमें भारत की किसी इंपोर्ट कंपनी के जरिए ये बड़ा ऑर्डर मंगाया जाना था. 

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ये तरीका वैसा ही है, जैसै पाकिस्तान से हथियार और ड्रग्स की स्मगलिंग की जाती है. पाकिस्तानी ड्रोन कई किलोमीटर की रेंज और वजन उठाने में सक्षम होते हैं. इन ड्रोन की असेंबलिंग गिरफ्तार आतंकी मॉड्यूल करता. मतलब साफ है कि आतंकी भारत पर सबसे बड़ा हमला करने की फिराक में थे. इस मामले में एजेंसियां लगातार जांच कर रही है. गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ भी की जा रही है. 

कैसे हुआ मॉड्यूल का भंडाफोड़दरअसल, इस पूरे आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ तब हुआ, जब श्रीनगर में नौगाम की दीवारों पर जैश से जुड़े पोस्टर लगाए गए थे. इसमें पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को चेतावनी दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने सीनियर पुलिस अधीक्षक डॉ. जीवी संदीप चक्रवर्ती के नेतृत्व में अभियान को चलाया. इसके बाद सीसीटीवी की मदद से संदिग्धों को पकड़ा गया. इसमें आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर उल अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शहीद को गिरफ्तार किया था. 

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इन्हीं से पूछताछ में मौलवी इरफान अहमद को गिरफ्तार किया गया था. इसी पर डॉक्टरों को बरगलाने का आरोप लगा है. इसके बाद लीड मिलने पर पुलिस ने फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में जांच की थी. इसमें भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद कर,  डॉ. मुजफ्फर गनई और डॉ. शाहीन सईद को अरेस्ट किया था. 

10 नवंबर को हुआ था आतंकी हमला10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला के पास एक कार में आतंकी ब्लास्ट हुआ था. इस हमले में 12 लोगों की जान चली गई थी. यह एक आत्मघाती हमला था. गाड़ी में भारी भरकम विस्फोटक रखा हुआ था.