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दिल्ली दंगे के आरोपी मीरान हैदर ने सोमवार (3 नवंबर, 2025) को कहा कि 2020 के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) विरोधी आंदोलन के दौरान शरजील इमाम को प्रोटेस्ट साइट्स पर नहीं जाने देना चाहिए था. उसने कहा कि उस वक्त भी उसने खासतौर पर इसे लेकर आपत्ति जताई थी. मीरान हैदर ने जमानत के लिए यह दलील दी. उसने कहा कि वह दंगे की किसी साजिश में शामिल नहीं था क्योंकि वह खुद शरजील इमाम की मौजूदगी पर आपत्ति जता रहा था तो वह कैसे किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार मीरान हैदर ने कहा कि उस पर ये आरोप लगाना कि वह शरजील इमाम के साथ दंगों की साजिश में शामिल था, गलत है. सुप्रीम कोर्ट में साल 2020 में हुए दिल्ली दंगे के आरोपियों शरजील इमाम, उमर खालिद, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिकाओं पर पिछले हफ्ते से सुनवाई चल रही है. जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच को मीरान हैदर के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि उनके मुवक्किल ने खुद प्रदर्शन स्थलों पर शरजील इमाम की मौजूदगी पर सवाल उठाए थे, तो उस पर साजिश में शामिल होने के आरोप कैसे लगाए जा सकते हैं.

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उन्होंने कहा, 'आरोप है कि मैं (हैदर) शरजील इमाम के साथ साजिश में शामिल था. मैंने एक ट्वीट किया था कि इस आदमी को, जिसका नाम शरजील इमाम है, प्रदर्शन स्थलों पर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. जहां ये दंगे हुए, वहां की सीसीटीवी फुटेज में भी मैं कहीं नजर नहीं आ रहा हूं.' याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष ने चांदबाग की सीक्रेट मीटिंग की जो तस्वीर शेयर की है, उसमें भी हैदर नहीं है.

मीरान हैदर की इन दलीलों पर अभियोजन पक्ष की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि तस्वीर में मौजूद शख्स ठीक से दिखाई नहीं दे रहा है. मीरान हैदर के वकील ने यह भी कहा कि चार्जशीट में भी चांदबाग मीटिंग को लेकर उनके मुवक्किल का नाम नहीं है. उसमें सिर्फ उमर खालिद और शरजील इमाम का नाम है.

साल 2020 में सीएए के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे. इसी दौरान दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी. शरजील इमाम, उमर खालिद, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा पर दंगे की साजिश रचने के आरोप लगे हैं. दिल्ली पुलिस ने अपने हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि ये दंगे अचानक नहीं हुए थे, बल्कि ये एक सोची समझी साजिश थी. पुलिस का कहना है कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन के लिए इन दंगों की प्लानिंग की गई थी.