दिल्ली के लाल किला के पास हुए कार विस्फोट में 9 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए. दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद और विस्फोटक अधिनियम सहित कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है.
दिल्ली पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि एफआईआर में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 और 18 शामिल हैं, जो आतंकवादी कृत्यों और आतंकवाद का समर्थन करने पर सजा से संबंधित हैं. पुलिस ने घटना में विस्फोटकों के अवैध कब्जे और उपयोग के संबंध में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 भी लागू की है.
यूएपीए की कौन-कौन सी धाराएं लगाई गईं ?लाइव लॉ के अनुसार धारा 16 पहले से घटित किसी आतंकवादी कृत्य के लिए दंड से संबंधित है. अगर इस कृत्य के कारण किसी की मौत हो जाती है तो ऐसे कृत्य के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को आजीवन कारावास या मृत्युदंड के साथ-साथ जुर्माना भी चुकाना पड़ता है. दूसरी ओर यूएपीए की धारा 18 किसी आतंकवादी कृत्य की योजना बनाने, षडयंत्र रचने या उसमें मदद करने पर केंद्रित है. भले ही वह कृत्य सच में हुआ न हो, फिर भी आतंकवाद में मदद करने, सलाह देने, उकसाने या तैयारी करने वाले किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है.
इसके अलावा दिल्ली कार विस्फोट मामले में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 भी लगाई गई है. ये अधिनियम घटना में विस्फोटकों के अवैध कब्जे और इस्तेमाल से संबंधित है. प्राधिकारियों ने विस्फोट में हुई मौतों और चोटों को कवर करते हुए हत्या और हत्या के प्रयास के आरोपों के प्रावधान भी शामिल किए हैं.
2 लोग पुलिस हिरासत मेंअधिकारियों ने बताया कि सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी गति से चल रही एक कार में उच्च तीव्रता का विस्फोट हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और कई वाहन जलकर खाक हो गए. पुलिस ने बताया कि जिस कार में विस्फोट हुआ, उसमें तीन लोग सवार थे. उन्होंने बताया कि वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या यह आत्मघाती हमला था.
लाल किला विस्फोट मामले में सलमान और देवेंद्र नाम के कम से कम दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. ये दोनों उस हुंडई i20 कार के मालिक हैं, जिसमें विस्फोट हुआ था.
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