दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-1 के पास सोमवार (10 नवंबर 2025) शाम हुए धमाके के बाद फरीदाबाद, लखनऊ और कश्मीर समेत कई शहरों में जांच एजेंसियों की रेड जारी है. इस साजिश का मास्टरमाइंड डॉ उमर मोहम्मद इस धमाके में मारा गया. वह डॉ. मुजम्मिल शकील का दोस्त था और फरीदाबाद के एक अस्पताल में काम करता था.

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फरीदाबाद में बम बनाने की फैक्ट्री

सूत्रों के मुताबिक ये दोनों मिलकर फरीदाबाद की फैक्ट्री में बम बनाते थे. बम बनाने के लिए अमोनियम नाइट्रेट का गोदाम भी फरीदाबाद में ही था. जांच एजेंसियों के मुताबिक डॉ उमर मोहम्मद फरीदाबाद अस्पताल में साजिश का सरगना था. वहां रहते हुए उसने कई कई कश्मीरी युवकों को अपने साथ जोड़ लिया था. उसका एक साथी अभी भी मिसिंग है. जांच में पता चला है वह विदेश दौरे पर गया हुआ है. पुलिस ने उमर के माता-पिता और दो भाई को हिरासत में लिया है.

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फिदायीन हमला हो सकता है दिल्ली धमाका

डॉ उमर मोहम्मद की साजिश  का खुलासा 30 अक्टूबर को उस समय हुआ जब जम्मू कश्मीर पुलिस ने मुजम्मिल को हिरासत में ले लिया. दिल्ली में डॉ उमर धमाके को अंजाम देने नहीं आया था, बल्कि हालात ऐसे बन चुके थे कि उसे अपने पकड़े जाने का डर था. उसने यह ब्लास्ट खुद किया था यानी कि यह फिदायीन हमला था या फिर एक्सीडेंटल धमाका हो गया. हालांकि जांच एजेंसियों ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है.

दिल्ली धमाके की जांच NIA को सौंपी गई

इस बीच गृह मंत्रालय ने दिल्ली के लाल किला के पास हुए धमाके की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दी है. एनआईए अब धमाके की पूरी जांच, संदिग्धों के नेटवर्क का पता लगाने और जिम्मेदारों को पकड़ने की कार्रवाई कर रही है.

इसे लेकर फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़े मामले में लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टर परवेज अंसारी का नाम सामने आया. जांच में परवेज अंसारी की कार पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का स्टिकर पाया गया.

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