नई दिल्ली: 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा में दर्ज मुकदमों को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच अब चार चरणों में किए जाने की रणनीति बनाई गई है. इसके शुरुआती दो चरणों में इस मामले में शामिल कुछ बड़े लोगों की गिरफ्तारी करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही उसके अगले चरण में पूरा फोकस किसान नेता और इस धरने की फंडिंग पर होगा.

जांच के तहत दिल्ली पुलिस 4 चरणों में एक्शन लेगी. पहले और दूसरे चरण में लक्खा सिधाना, जुगराज और दीप सिद्धू समेत उपद्रवियों की गिरफ्तारी और कुछ नेताओं से पूछताछ की जाएगी, जबकि तीसरे और चौथे चरण में जांच का फोकस नेताओं और उनकी फंडिंग पर होगा. राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन समाप्त होते-होते एक बार फिर पुनर्जीवित हो गया है. साथ ही हालातों को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में दर्ज 33 मुकदमों की जांच की रणनीति में फेरबदल किया है.

नोटिस जारी

दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को 6 किसान नेताओं को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए थे लेकिन उनमें से कोई भी किसान नेता पूछताछ के लिए नहीं आया. ध्यान रहे कि दिल्ली पुलिस इस मामले में किसान नेताओं समेत 44 लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर चुकी है, जिससे वह विदेश ना भाग सके. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और यह वह लोग हैं जो हिंसा में पत्थर फेंकने, तलवार चलाने समेत अन्य भूमिकाएं निभा रहे थे.

सूत्रों ने बताया कि इस मामले में दीप सिद्धू आए दिन फेसबुक लाइव करता है. वहीं पुलिस उसके फेसबुक लाइव को उसके खिलाफ ही कानूनी तौर पर इस्तेमाल कर सकती है. फेसबुक लाइव में दीप ने माना है कि उसे पुलिस का नोटिस मिल चुका है. इसको लेकर उसने उल्टे-सीधे बयान भी दिए हैं, जिनका प्रयोग पुलिस अपनी चार्जशीट में भी कर सकती है.

दिल्ली पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि इस मामले में समय आने पर फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया से भी मदद मांगी जाएगी. पुलिस सूत्रों का दावा है कि फिलहाल इस मामले में किसी बड़े किसान नेता की गिरफ्तारी नहीं होने जा रही है और कई नेताओं को बिना गिरफ्तार किए ही उनके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा सकती है.

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